मानसून की बरसात में कमी का सामना कर रहे राज्य कर्नाटक में करीब 10 दिन में फसल के नुकसान का अनुमान आने की उम्मीद है. मौसम विभाग के मुताबिक 1 जून से 30 अगस्त के दौरान कर्नाटक में मानसून की बारिश में 26 फीसद की कमी दर्ज की गई है. ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि अगले हफ्ते कर्नाटक में सूखे का ऐलान हो सकता है.
पिछले साल के मुकाबले खरीफ का रकबा घटा
राज्य के कृषि मंत्री एन. चेलुवरायस्वामी ने कहा है कि कम बारिश की वजह से फसल के नुकसान का आकलन करने के लिए एक सर्वे किया जा रहा है और जो भी नुकसान हुआ है उसकी जानकारी 10 दिन के बाद सामने आ जाएगी. कर्नाटक में इस अभी तक करीब 66.68 लाख हेक्टेयर में खरीफ की बुआई दर्ज की गई है, जबकि पिछले साल की इसी अवधि में रकबा 71.74 लाख हेक्टेयर दर्ज किया गया था. गौरतलब है कि राज्य सरकार ने इस साल के लिए 82.35 लाख हेक्टेयर में खरीफ फसल की बुआई का लक्ष्य रखा था.
राज्य के 120 तालुका में सूखा
आंकड़ों के मुताबिक 1 जून से 30 अगस्त की अवधि के दौरान कर्नाटक में सामान्य 660 मिलीमीटर की तुलना में 26 फीसद की गिरावट के साथ 488 मिलीमीटर बरसात हुई है. एन. चेलुवरायस्वामी ने कहा है कि अगस्त में राज्य के 31 जिलों में से 29 में बारिश की कमी 70 फीसद से ज्यादा थी. उनका कहना है कि राज्य में लगातार 3 हफ्ते तक तक बारिश नहीं हुई. राज्य के 120 से अधिक तालुके सूखा का सामना कर रहे हैं, जिसके कारण इन तालुकों में फसलों को नमी की कमी का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि कृष्ण राजा सागर बांध में कम पानी के भंडार की वजह से कावेरी बेसिन के किसानों से गन्ना और धान जैसी ज्यादा पानी की खपत वाली फसलों की नई बुआई नहीं करने को कहा गया है.
4 सितंबर को मंत्रिमंडल की उप समिति की बैठक
मौसम विभाग के आंकड़ों के मुताबिक दक्षिण आंतरिक कर्नाटक में बरसात की कमी 30 फीसद, तटीय कर्नाटक में 18 फीसद और उत्तरी आंतरिक कर्नाटक में 11 फीसद है. विभिन्न जिलों से एकत्र की जा रही जमीनी रिपोर्ट के आधार पर मौजूदा शुष्क मौसम और इसके प्रभाव पर चर्चा करने के लिए कर्नाटक मंत्रिमंडल की उप समिति 4 सितंबर को बैठक कर रही है. निष्कर्षों और कैबिनेट उप समिति की टिप्पणियों के आधार पर राज्य सरकार सूखा घोषित करने पर फैसला ले सकती है.