सोने आड़े वक्त में काम आने वाला साधन माना जाता है. कई भारतीय परिवार आज भी इस पर भरोसा करते हैं. यही कारण है कि नोटबंदी हो या लॉकडाउन, मुसीबत में लोगों के काम सोना ही आया. अक्सर आप सोने जैसी कीमती चीज को लेने के लिए जान पहचान वाले दुकानदार पर ही भरोसा करते होंगे. मगर, आपके भरोसे कई बार तोड़ दिया जाता है. 22 कैरेट बोलकर कम कैरेट के आभूषण थमा दिए जाते हैं. लेकिन शायद अब ऐसा नहीं होगा.
सोने के आभूषण और कलाकृतियों की अनिवार्य हॉलमार्किंग का दूसरा चरण इस साल एक जून से शुरू होगा. उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने कहा कि अनिवार्य हॉलमार्किंग के दूसरे चरण के दायरे में स्वर्ण आभूषणों के तीन अतिरिक्त कैरेट 20, 23 और 24 कैरेट के अलावा 32 नये जिले आएंगे. जहां पहले चरण के क्रियान्वयन के बाद परख एवं हॉलमार्क केंद्र यानी एएचसी स्थापित किया गया है.
दरअसल, 16 जून 2021 तक हालमार्किंग का नियम स्वैच्छिक था. जिसके बाद सरकार ने सोने की अनिवार्य हॉलमार्किंग को चरणबद्ध तरीके से लागू करने का निर्णय लिया.पहले चरण में देश के 256 जिलों को इसके दायरे में लाया गया. जहां हर दिन हॉलमार्क विशिष्ट पहचान के साथ 3 लाख से अधिक स्वर्ण आभूषणों पर हॉलमार्क लगाया जा रहा है.
मंत्रालय के अनुसार बीआईएस के एक प्रावधान के तहत सामान्य उपभोक्ता भी बीआईएस द्वारा मान्यताप्राप्त एएचसी पर सोने के आभूषण की शुद्धता की जांच करा सकता है. अब ये जान लेते हैं कि इसका ग्राहकों पर क्या होगा असर. गोल्ड हॉलमार्किंग के नियम सिर्फ ज्वैलर्स के लिए हैं. ये ग्राहकों पर लागू नहीं हैं. ज्वैलर्स अब बिना हॉलमार्क वाली गोल्ड ज्वेलरी को ग्राहक को नहीं बेच सकते, लेकिन ग्राहक अपनी बिना हॉलमार्क वाली पुरानी ज्वैलरी को अभी भी ज्वैलर को वैसे ही बेच सकता है, जैसे पहले बेचता था. यानी उसे घर में रखी अपनी बिना हॉलमार्क वाली ज्वैलरी को हॉलमार्क कराने की टेंशन नहीं लेनी है.
एएचसी प्राथमिकता के आधार पर आम उपभोक्ताओं से सोने के आभूषणों का परीक्षण करेगा और उपभोक्ता को एक परीक्षण रिपोर्ट देगा. उपभोक्ता को जारी की गई जांच रिपोर्ट उपभोक्ता को उनके आभूषणों की शुद्धता के बारे में आश्वस्त करेगी और अगर उपभोक्ता अपने पास पड़े आभूषण को बेचना चाहता है तो यह भी उपयोगी होगा.
अब सोने के आभूषणों के परीक्षण का शुल्क भी जान लेते हैं. रिपोर्ट के अनुसार, 4 वस्तुओं तक के सोने के आभूषणों के परीक्षण का शुल्क 200 रुपये है. 5 या अधिक वस्तुओं के लिए शुल्क 45 रुपये प्रति वस्तु है.
रिपोर्ट में ये कहा गया है कि उपभोक्ताओं द्वारा खरीदे गए एचयूआईडी नंबर वाले सोने के आभूषणों की प्रामाणिकता और शुद्धता को बीआईएस केयर ऐप में ‘वेरीफाई एचयूआईडी’ का उपयोग करके भी सत्यापित किया जा सकता है. इसे प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है.
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