जिस तरह से कोविड (Corona) के केस लगातार कम हो रहे हैं. उसी तरह से भारतीय फर्मों में लोगों को नौकरी पर रखे जाना नए बदलाव की ओर इशारा कर रहा है. जून में कई इंडस्ट्रीज और कार्यात्मक क्षेत्रों में लोगों को काम देने की स्थिति में सुधार हुआ है. देशभर में काम पर रखे जाने वाले लोगों के लिए यह एक अच्छा संकेत है, खासकर उस समय जब महामारी के कारण भारी में संख्या में लोगों की नौकरी चली गई थी.
कॉरपोरेट जगत कितना निर्दयी हो सकता है इस महामारी ने लोगों को दिखा दिया है. महामारी के शुरुआती दिनों में लोगों की नौकरी जाने से ना केवल इकोनॉमी को नुकसान हुआ बल्कि इससे कई कर्मचारी भी बहुत निराश हुए हैं. दो साल महामारी झेलने के बाद अब भविष्य पर फोकस करने का समय आ गया है.
कंपनियों की ओर से लगातार बढ़ रहे IT के उपयोग से यह सेक्टर काफी उत्साहित है. इस सेक्टर में लोगों की जगह बनने के साथ ही हाइरिंग में भी तेजी आई है. कंपनियों और टेक स्टार्टअप ने नए टैलेंट को लुभाने के लिए उपहारों की वकालात भी की है.
हालांकि इस तरह की पहल को भी एक लंबा रास्ता तय करना होगा. यह नौकरी के बाजार में फील-गुड को फैलाने में मदद करेगी जो कि महामारी के कारण बहुत कमजोर हो गया है. इसका सीधा असर बिजनेस ऑपरेशन पर पड़ा है. जून में, आईटी उद्योग निकाय नैसकॉम ने कहा कि यह क्षेत्र कुशल प्रतिभाओं के लिए बना हुआ है, टॉप 5 भारतीय IT कंपनियां 2021-22 में 96,000 से अधिक कर्मचारियों को जोड़ने की योजना बना रही हैं.
अब जबकि कोविड के मामले कम आ रहे हैं और अर्थव्यवस्था धीरे-धीरे पटरी पर लौट रही है। टॉप टैलेंट को बनाए रखने के लिए, कंपनियों को कर्मचारियों की उभरती प्रेरणाओं और आकांक्षाओं को समझने की जरूरत है. इस महामारी के बाद की दुनिया में, कर्मचारियों की अपेक्षाएं मुआवजे से काफी आगे हैं.
Published - July 22, 2021, 09:31 IST
पर्सनल फाइनेंस पर ताजा अपडेट के लिए Money9 App डाउनलोड करें।