सूचना प्रद्यौगिकी के दौर में युवा पढ़-लिखकर पैसा तो खूब कमा रहे हैं लेकिन भविष्य की आर्थिक सुरक्षा के लिए निवेश को लेकर संजीदा नहीं हैं. ऐसे युवाओं को जागरूक करने के लिए देश के पहले पर्सनल फाइनेंस सुपर ऐप मनी9 और आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल म्यूचुअल फंड कंपनी ने एक विशेष अभियान शुरू किया है. इस अभियान के तहत सॉफ्टवेयर कंपनी ऐपस्क्वाड्ज (AppSquadz) में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसमें कंपनी के 200 से अधिक कर्मचारियों और अधिकारियों ने निवेश के गुर सीखे. कार्यक्रम में शामिल लोगों में सॉफ्टवेयर इंजीनियरों की संख्या सबसे ज्यादा थी.
दिल्ली विश्वविद्याल के प्रोफेसर एवं आर्थिक पत्रकार डॉ. आलोक पुराणिक ने कार्यक्रम में मौजूद लोगों को निवेश से जुड़ी बारीकियां बुहत ही सरल भाषा में कहानियों के जरिए समझाईं. उन्होंने बताया कि पहले लोगों की नौकरी स्थाई होती थी. रिटायरमेंट के बाद सामाजिक सुरक्षा के लिए भविष्य निधि और पेंशन का सहारा होता था. लेकिन अब ज्यादातर क्षेत्रों में स्थाई नौकरियां नहीं रह गई हैं. कॉस्ट टू कंपनी यानी सीटीसी का दौर शुरू होने से पीएफ और पेंशन की सुविधा भी धीरे- धीरे खत्म सी होती जा रही है. कुछ लोग ईपीएफओ के दायरे में आते हैं लेकिन इससे मिलने वाली पेंशन बहुत ही कम है. महंगाई के दौर में इससे छोटे-मोटे खर्चे भी पूरे नहीं हो पाएंगे.
डॉ. पुराणिक ने युवाओं की सलाह दी कि भविष्य की आर्थिक सुरक्षा के लिए अभी से बचत पर जोर दें. अपनी मासिक कमाई का कम से कम 30 फीसद हिस्सा बचाएं और इस रकम को ऐसी जगह निवेश करें जिसका रिटर्न महंगाई को मात दे सके. मौजूदा समय में इसके लिए म्यूचुअल फंड सबसे अच्छे विकल्प हैं. इन विकल्पों में अगर पर सिस्टेमैटिक इंवेस्टमेंट प्लान यानी एसआईपी के जरिए निवेश करेंगे तो रिटायरमेंट तो अच्छी खासी रकम जोड़ सकते हैं. इस पहल से आपका बुढ़ापा खुशहाली में गुजर सकता है. डॉ. पुराणिक ने एक कहानी के जरिए समझाया कि बुढ़ापे में अगर आपके पास पैसा है तो गैर लोग भी आपको अपना बताएंगे. अगर पैसा नहीं तो आपके अपने भी मुंह फेर लेंगे.
डॉ. पुराणिक की कहानियां सुनकर कार्यक्रम में मौजूद कई युवक और युवतियां भावुक हो गए. उन्होंने म्यूचुअल फंड से जुड़े एक के बाद एक कई सवाल पूछे. डॉ. पुराणिक और आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल म्यूचुअल फंड की अधिकारी मोहिनी ने बहुत ही आसान भाषा में निवेश से जुड़े तमाम सवालों का जवाब दिया.