अदानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदानी के बड़े भाई विनोद अदानी ने ऑस्ट्रेलिया में अदानी ग्रुप की कोल खदानों से जुड़ी 3 कंपनियों से निदेशक का पद छोड़ दिया है. इन तीन कंपनियों में कारमाइकल रेल एंड पोर्ट सिंगापुर, कारमाइकल रेल सिंगापुर और एबट पॉइन्ट टर्मिनल एक्सपेंशन के नाम शामिल हैं, जो ऑस्ट्रेलिया में अदानी परिवार की कोल माइन्स से जुड़ी हैं. 24 जनवरी को ग्रुप पर हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट जारी होने के बाद उठे विवाद और दबाव के मद्देनजर विनोद अदानी 3 कंपनियों के बोर्ड से बाहर हुए हैं. गौरतलब है कि फरवरी के अंत में यानी कि सुप्रीम कोर्ट की तरफ से अदानी मामले की जांच का आदेश आने से सिर्फ 3 दिन पहले विनोद अदानी ने अपना पद छोड़ने की घोषणा की थी. हालांकि उस समय यह जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई थी. मार्केट रेग्युलेटर अब इस बात की जांच कर रहा है कि क्या अदानी ग्रुप और विनोद अदानी के बीच हुए कुछ लेन-देन का सही से खुलासा हुआ था या नहीं. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक कुछ एन्टिटीज में शेयरधारक होने के अलावा विनोद अदानी का कारमाइकल माइन और इससे जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर के डेवलपमेंट में कोई मैनेजमेंट रोल नहीं था.
Sumeet को खरीदने की दौड़ में 8 कंपनियां
सूरत की धागा और पॉलिस्टर बनाने वाली दिवालिया कंपनी सुमीत को खरीदने के लिए कुल 8 कंपनियां दौड़ में शामिल हैं. इन कंपनियों में देश की सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस इन्डस्ट्रीज और कोलकाता की MCPI के नाम सामने आए हैं. अप्रैल की शुरुआत में इन कंपनियों ने सुमीत के लिए शुरुआती बोली जमी की थी. इन बोलियों की रेजोल्यूशन प्रोफेशनल यानी RP की ओर से जांच होगी. इसके बाद औपचारिक बोलियां मंगवाई जाएंगी. बैंक ऑफ बड़ौदा के नेतृत्व वाले ऑपरेशनल क्रेडिटर्स यानी कर्जदाताओं का इस कंपनी पर 667 करोड़ रुपए का बकाया है. बैंक ऑफ बड़ौदा के पास इस कंपनी के कर्ज का 65 फीसद और IDBI बैंक के पास 21 फीसद हिस्सा है. लोन की री-स्ट्रक्चरिंग में असफल रहने के बाद दिसंबर 2022 में कंपनी के खिलाफ दिवालिया प्रक्रिया शुरू की गई थी.
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