इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (IRDAI) ने इस साल लगभग एक दर्जन बीमा कंपनियों को लाइसेंस जारी करने की योजना बनाई है. इससे पहले करीब एक दशक के लंबे वक़्त के बाद पिछले साल के आख़िर में एक और इस साल मार्च में सरकार ने 2 कंपनियों को बीमा लाइसेंस दिए थे. ये कंपनियां थीं क्षेमा जनरल इंश्योरेंस (Kshema General Insurance) क्रेडिट एक्सेस लाइफ (Credit Axis Life) और एको लाइफ (Acko Life). नई कंपनियों के शामिल होने के साथ अब देश में 25 जीवन बीमाकर्ता और 34 सामान्य कंपनियां काम कर रही हैं.
नियामक इस समय करीब 20 और आवेदनों पर विचार कर रहा है. इरडा का कहना है कि 2047 तक ‘सभी के लिए बीमा’ के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए, मौजूदा बीमाकर्ताओं को क्षमता बढ़ाने की आवश्यकता है. इरडा ने कहा कि नए खिलाड़ियों को इस क्षेत्र में आना चाहिए और इसके लिए ज्यादा डिस्ट्रीब्यूशन पार्टनर्स की ज़रूरत होगी. इरडा ने नए बीमा उत्पादों की आवश्यकता और उच्च तकनीकी समाधानों के इस्तेमाल पर भी ज़ोर दिया है.
नई कंपनियां आने से क्या होगा?
सर्टिफ़ाइड फ़ाइनेंशियल प्लानर निशा संघवी कहती हैं कि बीमा क्षेत्र में नई कंपनियों के आने से प्रतिस्पर्धा के माहौल बनेगा. इससे बीमा ग्राहकों के लिए कंपनियों में नई और अच्छी स्कीम्स लाने की होड़ मचेगी. साथ ही कंपनियां बीमा के प्रीमियम की दरें भी कम कर सकती हैं. इससे ज्यादा से ज्यादा लोग बीमा लेने की ओर आकर्षित होंगे और बीमा लेने को लेकर जागरूकता भी बढ़ेगी. हालांकि निशा का मानना है कि नई कंपनियों के लिए बाज़ार में पहले से मौजूद दिग्गज कंपनियों के सामने साबित करने कड़ी मशक्कत करनी होगी.
कितना बड़ा है भारत का बीमा बाज़ार
भारतीय बीमा बाजार विश्व स्तर पर 10वां सबसे बड़ा बाज़ार है. बीमा उद्योग ने वित्त वर्ष 2023 के दौरान 13 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की है. मौजूदा समय में बीमा क्षेत्र में FDI लगभग 57,000 करोड़ रुपए है. इरडा को उम्मीद है 2027 तक घरेलू बीमा बाजार 200 बिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगा.