IPL Auction: इंडियन प्रीमियर लीग (Indian Premier league) के साल 2021 के सीजन के लिए खिलाड़ियों की नीलामी (IPL Auction) की जा रही है. एक-एक खिलाड़ी पर करोडों रुपये की बोली लगाई जा रही है. चेन्नई में दुनियाभर के 298 क्रिकेटर्स पर सभी 8 फ्रेंचाइजी बोली लगा रही हैं. अभी तक कई खिलाड़ियों को 5 करोड़ से अधिक अमाउंट पर खरीदा गया है, तो कई खिलाड़ी जिन्हें किसी ने खरीदना पसंद भी नहीं किया.
अगर नीलामी (IPL Auction) की बात करें तो इंग्लैंड के ऑलराउंडर मोईन अली को CSK ने 7 करोड़ रुपये में खरीद लिया है. CSK ने पंजाब किंग्स की बोली को जोरदार टक्कर दी और आखिरकार बाजी मारी. वहीं, झाय रिचर्डसन को 14 करोड़ रुपये में पंजाब ने, क्रिस मौरिस को 16.25 करोड़ में राजस्थान रॉयल्स ने खरीद लिया.
जितनी बोली उतने पैसे नहीं वहीं, केदार जाधव, हरभजन सिंह जैसे कई खिलाड़ी पर किसी ने बोली लगाई. लेकिन, क्या आप जानते हैं आप क्रिकेटर्स पर भले ही करोड़ों रुपये की बोली लगाई जा रही है, लेकिन उन्हें बोली लगाए जितने पैसे नहीं मिलते हैं. उन्हें भी अन्य लोगों की तरह टैक्स देना होता है. यानी ऑक्शन के बाद मिलने वाले पैसे में से TDS काटा जाता है. आइए जानते हैं कि आखिर IPL के खिलाड़ियों को ऑक्शन के पैसे में से कितना टैक्स देना पड़ता है.
भारतीय खिलाड़ियों को कितना देना होता है टैक्स? बता दें कि जब ऑक्शन होता है तो भारतीय खिलाड़ियों को ऑक्शन के रूप में जितने भी रुपये मिलते हैं, उसमें टीडीएस का चार्ज (Tax on Players) भी कटता है. भारतीय खिलाड़ियों को जितना भी पेमेंट मिलता है, उसका 10 फीसदी टीडीएस कटता है.
इसके बाद इन्हें ITR फाइल करनी होती है और उसमें अन्य इनकम और खर्चों का हिसाब होता है, जिसके बाद कमाई पर आखिरी टैक्स देना होता है. नेट इनकम के बाद इसमें टैक्स और भी देना पड़ सकता है, TDS की गणना सिर्फ ऑक्शन मनी के आधार पर होता है.
चार्टेड अकाउंटेंट (CA) सौरभ शर्मा के मुताबिक, उन्हें टैक्स कटने के बाद कितना पैसा मिलता है, इसकी एक्युरेट गणना करना मुश्किल है. दरअसल, ऑक्शन एक बेस प्राइज होता है, इसके बाद कंपनियों का खिलाड़ियों को अलग-अलग कॉन्ट्रेक्ट होता है. उस कॉन्ट्रेक्ट के आधार पर उन्हें पैसे मिलता है और उसके बाद उनकी इनकम और खर्चों को लेकर टैक्स की गणना की जा सकती है. वैसे आम तौर पर उनके ऑक्शन प्राइज से 10 फीसदी TDS काटा जाता है.’
विदेशियों को कितना देना होता है टैक्स? वहीं, विदेशी खिलाड़ियों को भारत में मिलने वाली इनकम का 20 फीसदी TDS देना होता है. वहीं, विदेशी खिलाड़ियों को TDS के अलावा किसी भी तरह का टैक्स नहीं देना होता है.
अगर उन्होंने भारत में कोई और कमाई नहीं की है तो उन्हें किसी तरह का टैक्स नहीं देना होगा. उन्हें भारत में की गई कमाई पर ही टैक्स देना होता है. ना ही उन्हें इनकम टैक्स रिटर्न भरने की कोई आवश्यकता नहीं होती है.
बता दें कि इन खिलाड़ियों को पैसे भी अलग अलग तरह से पैसे मिलते हैं. इसमें अगर कोई खिलाड़ी प्लेइंग इलेवन में शामिल नहीं किया जाता है तो उन्हें अलग हिसाब से पैसे मिलता है.
दरअसल, ये खिलाड़ियों के साथ होने वाले कॉन्ट्रेक्ट पर निर्भर करता है. वहीं, अगर कोई खिलाड़ी आईपीएल (IPL Auction) खेलने के लिए अवेलेबल नहीं होता है तो उन्हें फीस डिडक्ट करके दी जाती है. सीधे शब्दों में कहा जाए तो खिलाड़ियों की नीलामी के बाद भी उन्हें कॉन्ट्रेक्ट के आधार पर पैसा मिलता है.
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