कोविड-19 की वजह से हर कोई फिजिकल कॉन्टैक्ट से बच रहा है और ऐसे में बड़ी तादाद में भारतीय डिजिटल और ऑनलाइन कामकाज को तरजीह दे रहे हैं. अब इस बारे में एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. टेक सेक्टर की दिग्गज कंपनी IBM के कराए सर्वे से पता चल रहा है कि महामारी के दौरान हर भारतीय ने औसतन 19 अकाउंट्स खोले हैं.
ये ऑनलाइन अकाउंट्स सभी कैटेगरीज में खोले गए हैं.
साइबर सिक्योरिटी
हालांकि, इस स्टडी में साइबर सिक्योरिटी पर भी चिंता जाहिर की गई है. इसमें कहा गया है कि करीब 47% रेस्पॉन्डेंट्स (सर्वे में भाग लेने वालों) ने कहा है कि वे दूसरे अकाउंट्स पर भी तकरीबन एक ही क्रेडेंशियल्स का इस्तेमाल करते हैं. तकरीबन 17% लोग पुराने और नए क्रेडेंशियल्स का इस्तेमाल इन अकाउंट्स में करते हैं.
ये गतिविधि सबसे ज्यादा 35 से 49 साल के आयुवर्ग में दिखाई देता है. ये अपने मौजूदा क्रेडेंशियल्स को ही नए अकाउंट्स में इस्तेमाल करते हैं.
साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट रीतिका बनर्जी ने मनी9 को बताया, “क्रेडेंशियल्स का री-यूज पर्सनल इंफॉर्मेशन की सिक्योरिटी के लिए बड़ा खतरा है. कम जागरूकता के चलते आमतौर पर लोग इस तरह की गलती करते हैं. अगर फर्जीवाड़ा करने वाले एक बार इन पासवर्ड को क्रैक करने में सफल हो गए तो आपके सभी सभी ऑनलाइन अकाउंट्स खतरे में आ जाते हैं.”
ऑनलाइन इंफॉर्मेशन
इस स्टडी में ये भी भारतीय ऑनलाइन यूजर्स की आदतों को लेकर कुछ दिलचस्प खुलासे भी हुए हैं. इसमें कहा गया है कि करीब 49 फीसदी भारतीय ऑनलाइन अकाउंट की सूचनाएं अपनी याद्दाश्त में सहेज कर रखते हैं. 35% लोग इन्हें पेपर पर लिखते हैं और 27 फीसदी इन जानकारियों को क्लाउड में सेव करते हैं.
महामारी के दौरान ऑनलाइन बैंकिंग और शॉपिंग रिटेल एक्टिविटी में तेजी आई है. फिजिकल कॉन्टैक्ट से बचने के लिए अब लोग वेबसाइट्स और मोबाइल ऐप्स का इस्तेमाल पहले के मुकाबले कहीं ज्यादा कर रहे हैं.
ट्रेंड
सर्वे में कहा गया है कि 50 साल से ऊपर के लोगों ने सभी कैटेगरीज में महामारी के दौरान करीब 27 ऑनलाइन अकाउंट्स खोले हैं. इन्होंने दूसरे किसी भी आयुवर्ग के मुकाबले इस दौरान ज्यादा नए अकाउंट्स खोले हैं.
औसतन जिन 19 अकाउंट्स को इस दौरान खोला गया है उसमें से 3 नए खाते सोशल मीडिया और एंटरटेनमेंट कैटेगरी में आते हैं.
डिजिटलीकरण को लेकर बढ़ता भरोसा
IBM टेक्नोलॉजी सेल्स, इंडिया एंड साउथ एशिया के सिक्योरिटी सॉफ्टवेयर सेल्स लीडर, प्रशांत भटकल ने बताते हैं, “इस सर्वे का सबसे बड़ा निष्कर्ष ये है कि महामारी के दौरान कंज्यूमर्स डिजिटल कामकाज से वाकिफ हुए हैं और उनका भरोसा इनमें बढ़ा है. साथ ही इस ट्रेंड के आगे भी जारी रहने की उम्मीद है.”
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