भारत के पीएसएलवी (ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान) सी-51 के जरिए ब्राजील के अमेजोनिया-1 और 18 अन्य उपग्रहों का रविवार को यहां श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से सफल प्रक्षेपण किया गया. यह भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) का इस साल का पहला मिशन है.
पीएसएलवी-सी51 ने सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के प्रथम लॉन्च पैड से करीब 10 बजकर 24 मिनट पर उड़ान भरी और सबसे पहले करीब 17 मिनट बाद प्राथमिक पेलोड अमेजोनिया-1 को कक्षा में स्थापित किया.
करीब डेढ़ घंटे के अंतराल के बाद अन्य उपग्रहों को 10 मिनट में एक के बाद एक करके प्रक्षेपित किया गया. इन उपग्रहों में चेन्नई की स्पेस किड्ज़ इंडिया (एसकेआई) का उपग्रह भी शामिल है, जिस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर उकेरी गई है.
एसकेआई का सतीश धवन उपग्रह (एसडी-सैट) सुरक्षित डिजिटल कार्ड प्रारूप में भगवद्गीता को भी अपने साथ लेकर गया है.
एसकेआई ने कहा कि प्रधानमंत्री की आत्मनिर्भर पहल और अंतरिक्ष क्षेत्र के निजीकरण के लिए एकजुटता और आभार व्यक्त करने के लिए अंतरिक्ष यान के शीर्ष पैनल पर मोदी की तस्वीर उकेरी गई है.
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के अध्यक्ष के. सिवन ने मिशन के सफल होने की घोषणा की और बताया कि सभी 19 उपग्रहों को उनकी कक्षाओं में स्थापित किया गया.
उन्होंने कहा, ‘‘आज का दिन पूरी इसरो (ISRO) टीम के लिए एक बड़ा दिन है और पीएसएलवी-सी51 भारत के लिए एक विशेष मिशन है. मैं अमेजोनिया-1 और 18 अन्य उपग्रहों को सटीकता से उनकी कक्षा में स्थापित करने को लेकर इसरो टीम को बधाई देना चाहता हूं और उनकी प्रशंसा करता हूं.’’
इसरो की वाणिज्यिक इकाई न्यूस्पेस इंडिया लिमिटिड (एनएसआईएल) के लिए भी यह खास दिन है. पीएसएलवी सी51/अमेजोनिया-1 एनएसआईएल का पहला समर्पित वाणिज्यिक मिशन है। इस मिशन को यहां स्थित नियंत्रण केंद्र से ब्राजील सरकार के अधिकारियों समेत अन्य लोगों ने देखा.
37 किलोग्राम वजनी अमेजोनिया-1 ब्राजील का पहला उपग्रह है जिसे भारत से प्रक्षेपित किया गया. यह राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (आईएनपीई) का ऑप्टिकल पृथ्वी अवलोकन उपग्रह है.
जिन अन्य 18 उपग्रहों को कक्षा में स्थापित किया गया है, उनमें से चार उपग्रह इसरो के भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन एवं प्राधिकरण केंद्र और 14 उपग्रह एनएसआईएल के हैं.
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