देश में जितने लोग आयकर रिटर्न भरते हैं उनमें अधिकतर लोग ऐसे हैं जिनकी कौई टैक्स देनदारी नहीं बनती और पिछले 4 वर्षों के दौरान देश में आयकर देने वालों के आंकड़े में 37 फीसद की भारी गिरावट आई है. सोमवार को संसद में आयकर रिटर्न भरने वाले और आयकर देने वालों की जानकारी को लेकर सवाल पूछा गया. सवाल के जवाब में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जो आंकड़े रखे उनसे पता चलता है कि आयकर रिटर्न भरने वाले लोगों में बड़ा आंकड़ा ऐसे लोगों का है जिनकी टैक्स देनदारी शून्य है.
आंकड़ों से पता चला कि वित्तवर्ष 2022-23 के दौरान देश में 7.40 करोड़ लोगों ने आयकर रिटर्न दाखिल किया था और उसमें 5.16 करोड़ लोगों की टैक्स देनदारी शून्य थी, यानि सिर्फ 2.24 करोड़ लोगों ने ही टैक्स भरा है. इन आंकड़ों की तुलना अगर कोरोना काल से पहले के आंकड़ों से की जाए तो आयकर भरने वालों की संख्या में 37 फीसद की भारी गिरावट आई है. वित्तवर्ष 2019-20 के लिए देशभर में कुल 6.47 करोड़ आयकर रिटर्न दाखिल हुए थे और उसमें 2.90 करोड़ लोग ऐसे थे जिनकी टैक्स देनदारी शून्य थी, यानी 3.57 करोड़ लोगों ने 2019-20 के दौरान टैक्स दिया था.
आंकड़े बताते हैं कि देश में सबसे ज्यादा आयकर रिटर्न महाराष्ट्र में दाखिल किए जाते हैं, वित्तवर्ष 2022-23 के दौरान महाराष्ट्र में 1.13 करोड़ रिटर्न दाखिल किए गए थे, इसके बाद 74.50 लाख रिटर्न के साथ गुजरात दूसरे और 71.65 लाख रिटर्न के साथ उत्तर प्रदेश तीसरे स्थान पर है. इनके अलावा राजस्थान में 48.48 लाख, तमिलनाडु में 45.90 लाख, पश्चिम बंगाल में 45.56 लाख, कर्नाटक में 42.58 लाख दिल्ली में 37.06 लाख और पंजाब में 36.09 लाख आयकर रिटर्न दाखिल किए गए. जिन राज्यों में दाखिल हुए आयकर रिटर्न में शून्य टैक्स वाले रिटर्न सबसे ज्यादा रहे उनमें महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली और तमिलनाडु आगे हैं.
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