मौसम विभाग (IMD) ने मानसून सीजन के अंतिम महीने यानी सितंबर के लिए मानसून की बरसात का अनुमान जारी कर दिया है. IMD का कहना है कि सितंबर के दौरान देश के अधिकतर हिस्सों में सामान्य से कम बरसात रह सकती है. मौसम विभाग ने बताया है कि पूर्वोत्तर भारत और पूर्वी और मध्य भारत के कुछ हिस्सों को छोड़कर देश के अधिकतर हिस्सों में सितंबर के दौरान सामान्य के मुकाबले कम बरसात होगी. सितंबर के दौरान पूरे देश में औसत तापमान सामान्य से अधिक रहने का अनुमान भी जारी किया गया है.
31 अगस्त तक 10 फीसद कम बरसात
मौसम विभाग ने मानसून मिशन कप्पल्ड फोरकास्टिंग सिस्टम यानी MMCFS और दुनिया के दूसरे वेदर मॉडल्स का हवाला देते हुए कहा है कि अलनीनो का असर फिलहाल बना रहने की आशंका है और इसकी मार अगले साल की शुरुआत तक बनी रह सकती है. मौसम विभाग के मुताबिक 1 जून से 31 अगस्त तक देशभर में मानसून की बरसात में 10 फीसद की कमी दर्ज की गई है. आंकड़ों के मुताबिक इस अवधि में 36 राज्यों में से 8 राज्यों में सामान्य से कम बारिश हुई है, जबकि 24 राज्यों में सामान्य बरसात दर्ज की गई है. हालांकि बरसात के मौजूदा हालात को देखते हुए आने वाले दिनों में अधिकतर राज्यों में बारिश सामान्य से कम रह सकती है.
खरीफ फसल की बुआई घटने की आशंका
मानसून की बारिश में कमी की वजह से चालू खरीफ फसल की बुआई घटने की आशंका है. कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक 25 अगस्त तक देशभर में दलहन की खेती 8 फीसद से ज्यादा पिछड़ गई है. तुअर, उड़द, मूंग और अन्य दलहन की बुआई में क्रमश: 5 फीसद, 13.8 फीसद, 8.10 फीसद और 4.99 फीसद की गिरावट दर्ज की जा रही है. 25 अगस्त तक देशभर में तुअर का रकबा 42.11 लाख हेक्टेयर में दर्ज किया गया है. खरीफ तिलहन के रकबे में भी गिरावट दर्ज की गई है. मूंगफली, सूरजमुखी और तिल का रकबा क्रमश: 3.31 फीसद, 64.84 फीसद और 7.34 फीसद पिछड़ा हुआ है.