महंगी वस्तुएं और महत्वपूर्ण कागजात को सुरक्षित रखने के लिए बैंक लॉकर सुरक्षित विकल्प माने जाते हैं. लेकिन कई बार बैंक लॉकर से सामान चोरी होने के मामले भी सामने आए हैं. ताजा मामला नोएडा के एचडीएफसी बैंक का है. नोएडा के रतिक सिंघल व उनकी पत्नी निकिता का एचडीएफसी बैंक में लॉकर है. निकिता ने इस लॉकर में करीब 30 लाख रुपए गहने रखे थे. इस बीच वह आस्ट्रेलिया चली गईं. वापस आने पर उन्होंने लॉकर यूज किया तो पता चला की उनके गहने गायब हैं. रतिक ने पुलिस को बताया कि बैंक प्रबंधन और कर्मचारियों ने उनके विदेश में होने का फायदा उठाकर गहने चोरी किए हैं. बहरहाल, बैंक ने इस मामले की लीगल जांच शुरू करा दी है. बैंक लॉकर में चोरी होने से जुड़ी यह कोई पहली घटना नहीं है. लॉकर से सामान गायब होने, लॉकर काटकर चोरी होने, सामान क्षतिग्रस्त होने की खबरें आए दिन आती रहती हैं. फौरी तौर पर बैंक इस तरह की घटनाओं से पल्ला झाड़ लेता है. इस तरह के मामलों में जब बैंक जिम्मेदारी लेने से मना कर देता है तो ग्राहक के पास कानूनी लड़ाई लड़ने का ही विकल्प बचता है.
कैसे होगी नुकसान की भरपाई? सुप्रीम कोर्ट ने इसी तरह के मामले में कहा है कि लॉकर में चोरी होने के मामले में बैंक अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकते. कोर्ट ने एसबीआई को पीड़ित ग्राहक को 30 लाख रुपए का मुआवजा देने का आदेश दिया. इस घटना के बाद आरबीआई ने लॉकर को लेकर नए नियम जारी किए हैं. इनके मुताबिक अगर बैंक की लापरवाही के चलते अगर लॉकर में रखी सामग्री को कोई भी नुकसान होता है तो इसके लिए बैंक को भुगतान करना होगा. इस तरह के मामलों में बैंकों को लॉकर के वार्षिक किराए के 100 गुना तक के नुकसान की भरपाई करनी होगी.
लॉकर के लिए करार आरबीआई ने लॉकर मैनेजमेंट को लेकर सभी बैंकों के लिए निर्देश जारी किए हैं. नए निर्देश में मौजूदा लॉकर और बैंकों के पास वस्तुओं की सेफ कस्टडी दोनों पर लागू हैं. आरबीआई ने बैंकों से लॉकर ग्राहकों के साथ एक नया करार कराने को कहा है. इस करार में लॉकर की सुरक्षा को लेकर कई तरह की शर्तें जुड़ी हैं. साथ ही यह भी बताया गया है कि ग्राहक अपने लॉकर में क्या-क्या सामान रख सकते हैं और क्या नहीं.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट आरबीआई ने स्पष्ट किया है कि सभी बैंकों को अपने लॉकरों की पुख्ता सुरक्षा करनी चाहिए. इसके बावजूद लॉकर में से सामान गायब हो जाता है. पूर्व बैंकर एसके बंसल कहते हैं कि बैंक लॉकर का स्ट्रांग रूम आरबीआई के दिशानिर्देशों के अनुसार बनाया जाता है. इसमें रखे लॉकर पूरी तरह सुरक्षित होते हैं. अगर किसी हाईवे पर दुर्घटना हो जाए तो इसका मतलब यह कतई नहीं है कि उस पर गाड़ियां चलानी बंद कर दी जाएं. आरबीआई के नए दिशानिर्देशों से बैंक सचेत होंगे. स्ट्रांग रूम की सुरक्षा को और मजबूत करेंगे. इससे ग्राहकों की चिंताएं दूर होंगी.
सामान का बिल रखें सुरक्षित लॉकर में रखे किसी भी तरह के सामान की चोरी या नुकसान होता है तो बैंक उसमें रखे सामान का सबूत मांगते. इसलिए लॉकर में जब भी कोई कीमती सामान रखें तो उसके बिल को सुरक्षित रखें. इसके बिना नुकसान की भरपाई मुश्किल है. इसके अलावा लॉकर में क्या-क्या सामान रखा है, उसकी लिस्ट अपने पास रखें. लॉकर की फीस का भुगतान तय समय पर करते रहें. समय समय पर लॉकर को चेक करते रहें.
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