आर्थिक संकट में फंसी गो फर्स्ट का परिचालन बंद होने के बाद देश में कई रूटों में हवाई सफर महंगा हो गया है. अब आशंका जताई जा रही है कि NCLT के फैसले की वजह से एयरलाइन कंपनियों के लिए एयरक्राफ्ट लीजिंग की लागत बढ़ जाएगी. इससे हवाई किराए में और वृद्धि हो सकती है. ऐसे में गर्मियों की छुट्टियों में पिकनिक की प्लानिंग करके बैठे लोगों की उम्मीदों पर पानी फिर गया है.
गो फर्स्ट का परिचालन बंद होने के बाद दूसरी विमानन कंपनियों ने कई रूटों पर हवाई किराया पहले ही बढ़ा दिया है. अभी इसमें और वृद्धि होने की आशंका जताई जा रही है. ऐसे में जिन लोगों ने गर्मियों की छुट्टियों में घूमने के लिए गो फर्स्ट के टिकट बुक करा रखे थे, परिचालन बंद होने के बाद उनका पिकनिक का प्लान बिगड़ गया है. दूसरी एयरलाइनों में नए सिरे टिकट बुक कराना कई गुना तक महंगा हो गया है. इस वजह से लोगों को अपना प्लान कैंसिल करना पड़ रहा है.
इस बीच गो फर्स्ट ने ट्वीट करके फ्लाइटें कैंसिल होने के कारण यात्रियों को हुई असुविधाओं के लिए माफी मांगी है. कंपनी ने कहा कि वह सभी यात्रियों को उनके पूरे पैसे वापस करेगी. एयरलाइन ने संकेत दिए हैं कि वह 24 मई से सीमित विमानों के साथ अपनी उड़ानें शुरू कर सकती है. लेकिन इस राह में कई बड़ी बाधाएं हैं. कंपनी पर अभी 11,463 करोड़ रुपए की देनदारी है. ऐसे में कंपनी फंडिंग की व्यवस्था कैसे करेगी, यह बड़ा सवाल है.
उधर विमानों के इंजन मुहैया कराने वाली कंपनी प्रैट एंड व्हिटनी (PWD) ने कहा है कि वह गो फर्स्ट एयरलाइन की तरफ से लगाए गए आरोप पर कानूनी रास्ता अख्तियार करने जा रही है. गो फर्स्ट ने गत दो मई को अपने वित्तीय संकट के लिए पी एंड डब्ल्यू को जिम्मेदार बताते हुए कहा था कि समय पर इंजन की आपूर्ति नहीं होने से उसके विमानों को खड़ा होना पड़ा और परिचालन राजस्व में तगड़ा नुकसान उठाना पड़ा.
संकट में मिला समर्थन
दिवाला अर्जी स्वीकार करने के बाद NCLT ने कहा है कि कंपनी के किसी भी कर्मचारी को निकाला नहीं जाएगा. इस बयान के बाद मौजूदा कर्मचारी कंपने के साथ खड़े हैं. बड़ी राहत की बात यह है कि गो फर्स्ट को कर्ज देने वाले बैंक भी कंपनी की इनसॉलवेंसी का समर्थन कर रहे हैं. बैंकों को खतरा है कि गो एयर का हाल भी जेट एयरवेज की तरह न हो जाए और उनका सारा पैसा फंस जाए. इसी वजह से संकटग्रस्त एयरलाइन को कर्ज देने वाले बैंक दिवालिया होने की अर्जी का समर्थन कर रहे हैं.