हमें बचपन से सिखाया गया है कि स्वास्थ्य ही सबसे बड़ी पूंजी है. इस कहावत में संदेश साफ है कि स्वास्थ्य और पूंजी दोनों ही बराबर महत्व रखते हैं. इसमें से किसी एक के साथ खिलवाड़ दिक्कतें पैदा कर सकती है. हमें अपने पैसों की भी उतनी ही फिक्र करनी चाहिए जितनी हम अपने शरीर की करते हैं. बचत, ग्रोथ के लिए निवेश, ग्रोथ और सेफ्टी के बीच संतुलन, लक्ष्य तय करने और रिटायरमेंट प्लानिंग ये सभी वित्तीय योग के ही अलग-अलग आसन हैं जिन्हें आपको अपनी जिंदगी में अपनाना चाहिए.
बड़ी बात ये है कि बिना स्वास्थ्य के आप संपत्ति का भी आनंद नहीं उठा सकते हैं. छोटी से छोटी संपत्ति भी खड़ी करने के लिए अच्छे स्वास्थ्य की जरूरत होती है. अगर ऐसा नहीं होगा तो आपको इलाज पर भारी पैसा खर्च करना पड़ेगा और ये आपकी पूरी बचत और निवेश को खत्म कर देगा.
ऐसे में तार्किक रूप से आपको स्वस्थ और मानसिक रूप से सचेत रहने की जरूरत है ताकि आप एक समझदार इनवेस्टर बन सकें. वक्त के साथ निवेश के कई विकल्प आप आम लोगों के सामने मौजूद हैं.
अब वे दिन नहीं रहे जबकि अर्थव्यवस्था सरकार के नियंत्रण में थी और आपके पास सरकारी गारंटी वाले डेट प्रोडक्ट्स के अलावा कभी-कभार ही शेयर बाजार में हाथ आजमाने का मौका मिलता था. समाज के एक बड़े हिस्से में शेयर बाजार में पैसे लगाने को जुए की तरह देखा जाता था.
फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस, म्यूचुअल फंड्, जैसे शेयर बाजार से जुड़े कई इंस्ट्रूमेंट्स आज मौजूद हैं. रिटेल इनवेस्टर्स के लिए अब इक्विटी और इक्विटी से जुड़े हुए दूसरे साधन हैं जिनमें वे निवेश कर सकते हैं. इस बढ़ती लिस्ट में अब क्रिप्टोकरेंसी नाम का नया किरदार भी शामिल हो गया है और इसने रिटर्न के परंपरागत कॉन्सेप्ट को पूरी तरह से बदल दिया है.
लेकिन, लापरवाही से निवेश करना आप पर भारी पड़ सकता है. आपको सतर्कता के साथ और अपनी रिस्क लेने की क्षमता को समझते हुए निवेश करना चाहिए. जिस तरह से आप हर वक्त एक्सरसाइज नहीं कर सकते हैं, उसी तरह से आपको जोखिम लेने की अपनी उचित सीमा तय करनी चाहिए.
जैसा कि किसी ने कहा था, ऐसी कई चीजें हैं जो कि पैसे से ज्यादा अच्छी दिखाई देती हैं, लेकिन उन तक पहुंचने के लिए आपको पैसे की जरूरत पड़ती है.
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