निजी क्षेत्र का प्रमुख बैंक एचडीएफसी अब अपने डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क को मजबूत कर रहा है. इस कवायद के तहत बैंक अपनी सुविधाओं को 50 हज़ार और गांवों को पहुंचाना चाहता है. इसी कड़ी में बैंक ने डिजिटल डिस्ट्रीब्यूशन प्लेटफॉर्म स्मार्ट साथी पेश किया है. इस सेवा के जरिए बैंक पहले चरण में 50 हजार गांवों में सेवाएं मुहैया कराएगा. बैंक की अगले डेढ़ साल में दो लाख गांवों में सेवाएं मुहैया कराने की योजना है.
डिजिटल डिस्ट्रीब्यूशन प्लेटफॉर्म के ज़रिए एजेंटों और बिजनेस कॉरेस्पोंडेंट्स के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग सेवाओं और उत्पादों को बेचना आसान हो जाएगा. एचडीएफसी बैंक स्मार्ट साथी अपने यूजर्स को एक सुरक्षित और यूज़र फ्रेंडली अनुभव प्रदान करता है. नई लॉन्च की गई ये सुविधा एडवांस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते हुए बिजनेस कॉरेस्पोंडेंट्स (BCs) और बिजनेस फैसिलिटेटर्स (BFs) को बैंक से जोड़ेगी. बिजनेस कॉरेस्पोंडेंट्स और बिजनेस फैसिलिटेटर्स के बीच इस नेटवर्क से बैंकिंग उत्पादों और सेवाओं को दूरदराज के गांवों तक ले जाकर वित्तीय समावेशन को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है.
एचडीएफसी बैंक की ये सेवाएं वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग के सचिव विवेक जोशी ने लॉन्च कीं. इस अवसर उन्होंने कहा, “एचडीएफसी बैंक स्मार्ट साथी बैंकिंग उत्पादों,सेवाओं और विशेष रूप से ग्रामीण ग्राहकों के लिए क्रेडिट उपलब्ध कराने में योगदान देगा जो हमारे देश के विकास में मदद करेगा।” उन्होंने यह भी बताया कि कैशलेस भारत को बड़ी सफलता बनाने के लिए मंडियों में लेन-देन करने वाले कुछ ग्राहक जैसे की किसानों में अभी भी व्यवहारिक परिवर्तन आवश्यक हैं और बिजनेस कॉरेस्पोंडेंट्स इस व्यवहारिक परिवर्तन को लाने में मदद करेंगे.
क्या होगा फायदा? एचडीएफसी बैंक स्मार्ट साथी से एजेंट्स लोन समेत 40 से अधिक बैंकिंग प्रॉडक्ट्स और सेवाओं की पेशकश कर पाएंगे. इससे एजेंटों की आय में भी बढ़ोतरी होने की उम्मीद है. बैंक का कहना है कि अगले 12 से 18 महीनों में उसकी शाखाओं और एजेंट नेटवर्क के संयोजन से दो लाख गांवों तक पहुंचने की योजना है. एचडीएफसी बैंक की इस पहल से देश के दूरदराज के गांवों में बैंकिंग सेवाओं की पहुंच आसान होगी. इससे लोगों में बचत को प्रोत्साहन मिलेगा. साथ ही रोजगार के नए अवसर मिलेंगे.
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