Haridwar Kumbh Mela: उत्तराखंड में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में लगातार उछाल के बीच उत्तराखंड सरकार ने बुधवार को आगामी हरिद्वार कुंभ (Haridwar Kumbh Mela) में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए कोविड-19 की निगेटिव जांच रिपोर्ट या टीकाकरण रिपोर्ट लाना फिर अनिवार्य कर दिया. उत्तराखंड में कोविड-19 के 200 नए मामले दर्ज किए गए जिसमें से सर्वाधिक 71 हरिद्वार में मिले जहां एक अप्रैल से विधिवत कुंभ मेला शुरू करने की तैयारियां आखिरी चरण में हैं. हरिद्वार के अलावा देहरादून जिले में 63, नैनीताल में 22 और उधमसिंह नगर जिले में 14 नए मामले मिले हैं. इस बीच, आगामी हरिद्वार कुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए कोविड-19 की निगेटिव जांच रिपोर्ट या टीकाकरण रिपोर्ट लाना फिर अनिवार्य कर दिया गया है.
प्रदेश के मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने इस संबंध में बताया कि उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने स्पष्ट आदेश दिए हैं कि हरिद्वार कुंभ में आने के लिए 72 घंटे पहले की कोविड-19 की निगेटिव जांच रिपोर्ट या टीकाकरण रिपोर्ट लाना जरूरी होगा.
पद संभालने के बाद मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कुंभ को आस्था का विषय बताते हुए इसमें आने वाले श्रद्धालुओं के लिए कोविड-मुक्त जांच रिपोर्ट लाने की बाध्यता समाप्त कर दी थी और कहा था कि 12 साल में आने वाले इस धार्मिक मेले में लोग बेरोकटोक आ सकेंगे.
हालांकि, उन्होंने इस दौरान केंद्र सरकार द्वारा जारी दिशानिर्देशों के सख्त अनुपालन के भी आदेश दिए थे. इस बीच, साधु- संतों ने भी इस निर्णय पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. हरिद्वार में अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी महाराज ने कहा कि कुंभ मेले को लेकर उत्तराखंड उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए आदेश का पालन होगा.
उन्होंने कहा कि कुंभ मेले में आने वाले श्रद्धालुओं की जांच, मास्क और सामाजिक दूरी जैसी बातों का पालन कराना भी प्रशासन की जिम्मेदारी है, लेकिन उन्होंने कहा कि सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या आस्था के सैलाब के आगे नियमों का पालन हो पायेगा.
वहीं निरंजनी अखाड़े के सचिव महंत रविन्द्रपुरी महाराज ने कहा कि कुंभ मेले में सरकार द्वारा जारी दिशानिर्देशों का पालन कराया जाना जरूरी है, इसलिए प्रशासन सबसे पहले लोगों की जांच करे, मरीजों का पता लगाए और इलाज करे.
पर्सनल फाइनेंस पर ताजा अपडेट के लिए Money9 App डाउनलोड करें।