Toy Park: खिलौनों का ग्लोबल मार्केट 120 अरब डॉलर का है और उसका 52% से भी अधिक माल चीन में बनता है. भारत का खिलौना मार्केट 1.5 अरब अमरिकी ड़ॉलर का है, जिसमें लगभग 80% खिलौनों को चीन से आयात किया जाता है. चीन पर निर्भरता कम करने के लिए सरकार ने भारत में खिलौनों का मार्केट विकसित करने के लिए विशेष नीति तैयार की है, जिसके तहत गुजरात के साणंद या राजकोट में 2500 करोड़ रुपये की लागत से टॉय पार्क बनाने की तैयारी चल रही है. इनके अलावा देश के अन्य राज्यों में भी टॉय पार्क बनाने की योजना पर काम चल रहा है.
गुजरात में 30,000 लोगों को मिलेगा रोजगार
गुजरात के साणंद या राजकोट में 2500 करोड़ रुपये की लागत से टॉय पार्क तैयार हो जाने के बाद, यह 10,000 करोड़ रुपये का व्यवसाय उत्पन्न कर सकता है और लगभग 30,000 लोगों को रोजगार प्रदान कर सकता है. इस पार्क में बच्चों के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलौने बनाए जाएंगे.
गुजरात सरकार ने परियोजना के लिए अहमदाबाद के साणंद और राजकोट में 250 एकड़ जमीन भी आवंटित की है, जहां गुजरात औद्योगिक विकास निगम द्वारा एक खिलौना पार्क स्थापित किया जाएगा. पार्क में बच्चों के लिए अलग खेल होंगे, साथ ही बच्चों के लिए आयातित खिलौने भी होंगे.
खिलौना मार्केट में गुजरात है पीछेः
गुजरात खिलौना उद्योग में अन्य राज्यों से काफी पीछे है. देश के कुल खिलौना उद्योग में गुजरात का योगदान बमुश्किल 1% है, इसलिए राज्य सरकार गुजरात में खिलौना उद्योग को और आगे ले जाने के लिए प्रयास कर रही है.
नोएडा के टॉय पार्क से 6,000 लोगों को मिलेगा रोजगारः
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने नोएडा के सेक्टर-33 में टॉय पार्क का निर्माण करवाया है. इस पार्क में खिलौना बनाने की फैक्ट्री लगाने के लिए 134 उद्योगपतियों ने प्लॉट लिया है. ये 134 उद्योगपति करीब 410 करोड़ रुपये का निवेश कर जल्दी ही टॉय पार्क में अपनी फैक्ट्री लगाएंगे.
खास बात ये है कि इन फैक्ट्रियों में 6157 लोगों को स्थायी रोजगार मिलेगा. यूपी का पहला पहला खिलौना क्लस्टर (टॉय पार्क) यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक प्राधिकरण क्षेत्र (YEIDA) में विकसित होगा. इसके बाद यीडा के सेक्टर 33 में टॉय पार्क के लिए 100 एकड़ से ज्यादा जमीन खिलौना उत्पादन करने वाली यूनिट के लिए चिन्हित की गई है.
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