पेट्रोल-डीजल (Petrol-Diesel) की बढ़ती कीमतों पर पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का कहना है कि हम पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स को GST में शामिल करने के लिए रिव्यू कर रहे हैं. लेकिन इसे GST में शामिल करना या न करना GST काउंसिल के ऊपर निर्भर करता है. दरअसल पेट्रोल-डीजल को जीएसटी (GST on Petrol-Diesel) के दायरे में लाने की बात काफी समय से चल रही है. अब चूकि पेट्रोल-डीडल की बढ़ती कीमतों पर सरकार चारों तरफ से दवाब झेल रही है. ऐसे समय में पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का यह बयान काफी अहम माना जा रहा है.
पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का कहना है कि हम लोग पेट्रोल-डीजल (Petrol-Diesel) को GST में शामिल कराने के लिए लगातार GST काउंसिल को कह रहे हैं. लेकिन अंतिम फैसला GST काउंसिल पर ही निर्भर करता है.
तेल आयात की ज्यादा कीमत चुकानी पड़ रही है इससे पहले पेट्रोलियम मिनिस्टर धर्मेंद्र प्रधान (Dharmendra Pradhan) ने बढ़ती कीमत पर कहा था कि तेल उत्पादक देशों ने उत्पादन में कटौती कर दिया है. इसके कारण तेल आयात करने वाले देशों को ज्यादा कीमत चुकानी पड़ रही है. भारत अपनी जरूरत का 80 फीसदी तेल आयात करता है. कच्चा तेल आयात करने के मामले में यह दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा देश है. प्रधान ने कहा कि हम OPEC & OPEC plus (तेल उत्पादक देशों) के साथ लगातार संपर्क में हैं. हम उनसे कीमत नहीं बढ़ाने की अपील कर रहे हैं. मुझे उम्मीद है कि आने वाले दिनों में इसमें बदलाव होगा.
जल्द निकलेगा समस्या का हल पेट्रोलियम मिनिस्टर धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि इसके अलावा कैपिटल स्पेंडिंग को भी 34 फीसदी बढ़ाया गया है. खर्च करने के लिए सरकार को पैसे की जरूरत होती है और इसलिए वह टैक्स कलेक्शन करती है. पेट्रोल-डीजल (Petrol-Diesel) पर केंद्र और राज्य दोनों टैक्स वसूलते हैं. राज्य सरकार भी इस समय खर्च बढ़ा रही है, जिसके कारण उसे भी ज्यादा टैक्स की जरूरत है. पेट्रोलियम मिनिस्टर प्रधान को उम्मीद है कि वित्त मंत्री इस समस्या (GST on Petrol-Diesel) का हल निकाल लेंगी.
मामले पर राज्य और केंद्र सरकार दोनों करें विचार उधर, वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा है कि यह एक ऐसा मामला है जिसमें हर कोई एक जवाब सुनना चाहता है कि कीमत में कटौती की जाएगी. यह मामला केंद्र और राज्य दोनों से जुड़ा है, इसलिए दोनों सरकार को मिलकर इस बारे में सोचना चाहिए और समस्या का हल करना चाहिए. वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि तेल उत्पादक देशों ने कहा है कि उत्पादन में अभी और कमी आने वाली है. इससे पेट्रोल की कीमत पर दबाव बढ़ेगा और कीमत में तेजी आएगी. वर्तमान में पेट्रोल की कीमत (रिटेल रेट) में 60 फीसदी और डीजल की कीमत में 54 फीसदी तक टैक्स होता है जिसमें केंद्र और राज्य दोनों का हिस्सा होता है.
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