एक तरफ GST यानी गुड्स एवं सर्विस टैक्स से सरकार की कमाई बढ़ रही है तो दूसरी ओर जीएसटी चोरी के लगातार नए मामले सामने आ रहे हैं. अब सरकार जीएसटी चोरी को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने की तैयारी कर रही है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, फर्जी GST चालान बनाने वाले गिरोह से मिलीभगत करने वाली कंपनियों पर दंडात्मक कार्रवाई करने का विचार हो रहा है. इसमें पेनाल्टी बढ़ाना, कारोबारी परिसर का फिजिकल वेरिफिकेशन शामिल है. यही नहीं, बार-बार जीएसटी चोरी की गतिविधियों में शामिल लोगों का जीएसटी रजिस्ट्रेशन भी रद्द किया जा सकता है.
GST रजिस्ट्रेशन और रिटर्न का अतिरिक्त सत्यापन
नकली बिल लगाकर जीएसटी चोरी करने वालों के खिलाफ कुछ और कदम उठाए जाने की भी चर्चा है. इसके तहत, GST रजिस्ट्रेशन और GST रिटर्न के अतिरिक्त सत्यापन की व्यवस्था भी लागू की जा सकती है. जुलाई में होने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक में CBIC के इस प्रस्ताव पर विचार किया जा सकता है. माना जा रहा है कि इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल सकती है. इस व्यवस्था से टैक्स चोरी और फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट क्लेम को रोकने में मदद मिलेगी.
किस तरह हो रही है टैक्स चोरी?
कुछ संस्थाएं और कारोबारी फर्जी कागजातों के जरिए जीएसटी पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करा रहे हैं. उसके बाद बिना माल की सप्लाई किए फर्जी बिल बनाए जाते हैं और इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) क्लेम किया जाता है. इस तरह से सरकारी खजाने को हजारों करोड़ रुपए का चूना लगाया जा रहा है.
पकड़े गए 10 हजार फर्जी GST रजिस्ट्रेशन
कर अधिकारियों ने 60 हजार संदिग्ध GST रजिस्ट्रेशन को फिजिकल वेरिफिकेशन के लिए चुना था, जिनमें से करीब 40 हजार का फिजिकल वेरिफिकेशन हो चुका है. अधिकारियों ने 10 हजार फर्जी रजिस्ट्रेशन का पता लगाया है और 15 हजार करोड़ रुपए के इनपुट टैक्स क्रेडिट गलत तरीके से लिए गए हैं. इसमें नोएडा और इंदौर में हुई कार्रवाई भी शामिल है.
सीमेंट पर GST घटाने की मांग
GST काउंसिल सीमेंट कंपनियों की GST दरों में कटौती की मांग को ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स (GoM) के पास भेज सकती है. कंपनियां सीमेंट पर जीएसटी रेट को 28 फीसदी से घटाकर 18 फीसदी करने की मांग कर रही हैं. कंपनियां का कहना है कि इससे कंस्ट्रक्शन सेक्टर और सरकार के इंफ्रा प्रोजेक्ट की लागत घटेगी.