सीतारमण ने कहा कि देश के पूर्वी हिस्सों में झारखंड, पश्चिम बंगाल और ओडिशा जैसे राज्यों में ऋण वृद्धि में तेजी लाने की जरूरत है, जहां लोग चालू और बचत खातों में प्रमुखता से पैसा जमा कर रहे हैं.
केंद्र सरकार ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को गुड्स एंड सर्विसेस टैक्स (GST) राजस्व की कमी की भरपाई के लिए अक्टूबर 2020 से अब तक 1 लाख करोड़ रुपये की उधारी दे दी है.
GST कंपन्सेशन के लिए सरकार ने अक्टूबर 2020 में उधारी के लिए इस विंडो की शुरुआत की थी जिसके तहत राज्यों को कुल 1.10 लाख करोड़ रुपये की दिया जाना है. 19 फरवरी को वित्त मंत्रालय ने 17वें हफ्ते की किस्त में 23 राज्यों और 3 केंद्र शासित प्रदेशों को 5,000 करोड़ रुपये अदा किए.
अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मिजोरम, नागालैंड और सिक्किम में GST से राजस्व में कोई गैप नहीं है.
सीतारमण ने नये निवेश का जोखिम उठाने का आह्वान किया
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को भारतीय उद्योग जगत से पूरा आत्मविश्वास दिखाने और नये नये निवेश करके भारत को दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बनाने में योगदान करने का आह्वान किया।
उन्होंने अखिल भारतीय प्रबंधन संघ (एआईएमए) के एक कार्यक्रम में शामिल उद्योग जगत की दिग्गज हस्तियों से कहा कि सरकार ने निवेश के अनुकूल वातावरण बनाने के लिए कंपनी आयकर की दरों में कमी करने सहित कई कदम उठाए हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं चाहूंगी कि अब भारत में निजी निवेशक और निजी उद्योग पूरे आत्मविश्वास के साथ कदम बढ़ायें , ताकि यह साबित किया जा सके कि भारत के लिए यह (सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक बनना) संभव है।’’
वित्त मंत्री ने कहा,‘‘हमें क्षमता बढ़ाने की जरूरत है, हमें विस्तार की जरूरत है, हमें बहुत से ऐसे उत्पादों के विनिर्माण की जरूरत जरूरत है, जो अर्थव्यवस्था के लिए बहुत जरूरी हैं।’’
उन्होंने कहा,‘‘कर में कमी करने के बाद मैं कामधंधों के विस्तार का इंतजार कर रही हूं, मैं भारत में निजी क्षेत्र से अधिक निवेश देखने का इंतजार कर रही हूं।’’
सरकार ने वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए सितंबर 2019 में कॉरपोरेट कर की दर में भारी कटौती की थी।