साठे ने कहा, "बीमा कंपनियां लंबी अवधि की देनदारियां लेती हैं, लेकिन बाजार में कोई मैचिंग एसेट इंस्ट्रूमेंट नहीं है, जिसके परिणामस्वरूप एसेट लायबिलिटी मिसमैच हो जाती हैं.
गुड्स एंड सर्विसेस टैक्स (GST) का संग्रह फरवरी में लगातार पांचवें महीने एक लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर गया. वित्त मंत्रालय ने सोमवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि फरवरी में GST संग्रह सात प्रतिशत बढ़कर 1.13 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो अर्थव्यवस्था में सुधार का संकेत है.
हालांकि, फरवरी का जीएसटी संग्रह का आंकड़ा जनवरी से कम रहा है. जनवरी में जीएसटी संग्रह 1,19,875 करोड़ रुपये रहा था.
फरवरी में सकल जीएसटी संग्रह 1,13,143 करोड़ रुपये रहा. इसमें केंद्रीय जीएसटी (CGST) का हिस्सा 21,092 करोड़ रुपये, राज्य जीएसटी (SGST) का हिस्सा 27,273 करोड़ रुपये और एकीकृत जीएसटी (IGST) का हिस्सा 55,253 करोड़ रुपये रहा। आईजीएसटी में 24,382 करोड़ रुपये वस्तुओं के आयात पर जुटाए गए। उपकर का हिस्सा 9,525 करोड़ रुपये रहा। इसमें से 660 करोड़ रुपये वस्तुओं के आयात पर जुटाए गए.
वित्त मंत्रालय ने कहा कि पिछले पांच माह से GST राजस्व संग्रह में सुधार का रुख दिख रहा है. फरवरी, 2021 में जीएसटी संग्रह पिछले साल के समान महीने से सात प्रतिशत अधिक रहा है.
बयान में कहा गया, ‘‘माह के दौरान वस्तुओं के आयात से राजस्व 15 प्रतिशत ऊंचा रहा. घरेलू लेनदेन (सेवाओं के आयात सहित) से राजस्व पिछले साल के समान महीने की तुलना में पांच प्रतिशत अधिक रहा.’’