Green Hydrogen Revolution: जैसे-जैसे दुनिया भर में हरित ऊर्जा आंदोलन बढ़ा है उसे देखते हुए भारतीय कंपनियां हरित हाइड्रोजन को अपनाने के मिशन पर काम कर रही हैं. इसने अपनी तरह दुनिया भर की कुछ सबसे बड़ी फर्मों और सरकारों को आकर्षित किया है उनमें कुछ भारतीय कंपनियां भी हैं. हरित हाइड्रोजन की बात करें तो यह दुनिया की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए चर्चा का केंद्र बना हुआ है. सौर और पवन जैसे ऊर्जा के आज के समय में इसके नए स्रोत हैं.
लाइव मिंट की खबर के मुताबिक वर्तमान में देश में हाइड्रोजन का संपूर्ण उत्पादन जीवाश्म ईंधन से होता है. अमेरिका ने 2017 से हर साल हाइड्रोजन ईंधन के विकास में 150 मिलियन डॉलर का निवेश किया है.
यूरोप और एशिया में सरकारी निकाय भी हाइड्रोजन ईंधन उत्पादन में सालाना 2 बिलियन डॉलर से अधिक का निवेश कर रहे हैं.
चीन ने 2023 तक हाइड्रोजन से चलने वाले परिवहन में 217 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक के निवेश की योजना बनाई है. भारत सरकार भी पीछे नहीं है, भारत सरकार ने पहले ही अपनी हरित हाइड्रोजन बस यात्रा शुरू कर दी है.
15 अगस्त 2021 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन के शुभारंभ को हरी झंडी दिखाई थी.
रिलायंस इंडस्ट्रीज
देश की सबसे बड़ी प्राइवेट तेल और गैस कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड हरी झंडी दिखाने के लिए तैयार है. आरआईएल ने साल 2035 तक शुध्द कार्बन शून्य फर्म बनने की अपनी योजना बनने की घोषणा की है.
समूह ने कहा कि वह अक्षय ऊर्जा में अगले तीन वर्षों में 750 अरब रुपये का निवेश करेगा. रिलायंस गुजरात के जामनगर में स्थित 5,000 एकड़ धीरूभाई अंबानी ग्रीन एनर्जी गीगा कॉम्प्लेक्स नामक हरित ऊर्जा एकीकृत परिसर में 600 अरब रुपये का निवेश करेगा.
गेल
राज्य के स्वामित्व वाली गेल (इंडिया) की भी हरित हाइड्रोजन से जुड़ी योजनाएं हैं. पीएसयू ने भारत का सबसे बड़ा हरित हाइड्रोजन संयंत्र बनाने की योजना बनाई है.
गेल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक मनोज जैन ने कहा, “कंपनी ने इलेक्ट्रोलाइजर खरीदने के लिए एक निविदा जारी की है. कंपनी ने मध्यप्रदेश के विजयपुर में 2 से 3 साइटों का निर्णय लिया है. यहां प्लांट लगाने में 12-14 महीने का समय लगेगा.
एनटीपीसी
एनटीपीसी ने भी व्यवसायिक स्तर पर हरित हाइड्रोडन का उत्पादन करने की योजना बनाई है. कंपनी कच्छ के रण में 4,750 मेगावाट अक्षय ऊर्जा पार्क बनाने की योजना बना रही है.
कंपनी की लेह-लद्दाख में अपना पहला हरित हाईड्रोजन ईंधन स्टेशन स्थापित करने की योजना है. शुरुआती दौर में यहां पांच हाइड्रोजन बसें चलाएगा.
इंडियन ऑयल कॉर्प
इंडियल ऑयल के बात करें तो यह कंपनी भी हरित हाइड्रोजन के लिए काम करने की योजना बना रही है.
देश के सबसे बड़े जीवाश्म ईंधन यानी प्राकृतिक ईंधन रिटेलर ने उत्तर प्रदेश मथुरा में रिफाइनरी में हरित हाइड्रोजन संयंत्र लगाने की अपनी योजना की घोषणा की है. यहां यूनिट की क्षमता लगभग 160,000 बैरल प्रतिदिन होने की संभावना है.
लार्सन एंड टुब्रो (एलएंडटी)
इंजीनियरिंग प्रमुख एलएंडटी भी हरित हाइड्रोजन क्षेत्र में प्रवेश करने की योजना बना रही है. कंपनी ने घोषणा की है कि वह अपने हजीरा परिसर में एक हरित हाइड्रोजन संयंत्र स्थापित करेगी, जिसे इस वित्तीय वर्ष में पूरा किया जा सकता है.
एक ताजा प्रेस कॉन्फ्रेंस में एलएंडटी के निदेशक और वरिष्ठ कार्यकारी उपाध्यक्ष (ऊर्जा), सुब्रमण्यम सरमा ने कहा कि हमारा लक्ष्य 2040 तक शुद्ध-शून्य उत्सर्जन है.
पर्सनल फाइनेंस पर ताजा अपडेट के लिए Money9 App डाउनलोड करें।