विदेश से आने वाले खराब गुणवत्ता वाले उत्पादों को लेकर सरकार सख्त हो गई है. सरकार इस साल उपभोक्ता वस्तुओं, रबड़, कागज और हल्के इंजीनियरिंग उत्पादों के लिये 60 गुणवत्ता नियंत्रण आदेश लाएगी. इस पहल का मकसद खराब गुणवत्ता वाले उत्पादों के आयात पर लगाम लगाना और घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देना है. उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) में सचिव राजेश कुमार सिंह ने कहा कि गुणवत्ता नियंत्रण को लेकर आदेश ‘काफी बड़े पैमाने पर’ जारी किए जा रहे हैं. अभी तक AC, रेफ्रिजरेटर, पाइप और सुरक्षा वाल्व जैसे 127 से अधिक उत्पादों के लिए 33 गुणवत्ता नियंत्रण आदेश जारी किए गए हैं.
राजेश कुमार सिंह ने कहा कि फिलहाल हम भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) के सहयोग से 60 नए गुणवत्ता नियंत्रण आदेश पर काम कर रहे हैं. यह न केवल उपभोक्ताओं की सुरक्षा के लिए बल्कि गुणवत्ता मानकों में सुधार के लिए भी महत्वपूर्ण हैं. डीपीआईआईटी में संयुक्त सचिव संजीव ने कहा कि ये आदेश स्मार्ट मीटर, नट, बोल्ट आदि जैसे सामान के लिए जारी किए गए हैं. कानून का उल्लंघन करने पर पहले अपराध के लिये दो साल तक की कैद या कम से कम दो लाख रुपये का जुर्माना हो सकता है. दूसरे और उसके बाद के अपराध के लिये जुर्माना बढ़कर न्यूनतम पांच लाख रुपए है.
विभाग ने ये आदेश विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के व्यापार में तकनीकी बाधाओं पर समझौते के अनुरूप जारी किए हैं. सरकार की पहल डिजिटल कारोबार के लिये खुला नेटवर्क (ओएनडीसी) के बारे में सचिव ने कहा कि इस पर लेन-देन एक लाख प्रतिदिन को पार कर गया है. किसान उत्पादक संगठनों को अब इससे जोड़ने के लिए काम कर रहे हैं.