आजकल नई पेंशन स्कीम (NPS) खूब चर्चाओं में है. इस योजना को आकर्षक बनाने के लिए सरकार की ओर से गठित पैनल इसकी समीक्षा कर रहा है. इस बीच पेंशन फंड नियामक (PFRDA) के चेयरमैन दीपक मोहंती का कहना है कि अगर सरकारी कर्मचारी लंबी सेवा के बाद पूरे कोष से एन्युटी खऱीदता है तो उसे एनपीएस में भी पुरानी स्कीम (OPS) जैसी पेंशन मिल सकती है. अंग्रेजी अखबार फाइनेंशियल एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में मोहंती ने कहा कि अगर कोई सरकारी कर्मचारी 30 से 33 साल तक सेवा करता है तो इस अवधि में उसके खाते में अच्छा खासा फंड जुड़ जाएगा. अगर पूरी राशि से एन्युटी खरीदी जाए तो उसे पुरानी स्कीम की तुलना में ज्यादा पेंशन मिल सकती है. हालांकि वेतनमान, ग्रेड और पदोन्नति के आधार पर पेंशन की राशि अलग-अलग होगी.
देश में एनपीएस की शुरुआत जनवरी 2004 में सरकारी कर्मचारियों के लिए की गई थी. साल 2009 में यह योजना सभी वर्गों के लिए खोल दी गई. इसके तहत आप कामकाजी उम्र के दौरान नियमित योगदान कर सकते हैं. इसके बाद 60 साल के होने पर जमा रकम का 60 फीसद हिस्सा निकाल सकते हैं जबकि 40 फीसद रकम से एन्युटी खरीदनी होती है. एन्युटी के जरिए पेंशन के रूप में नियमित आय मिलेगी.
पुरानी पेंशन स्कीम में कर्मचारी को रिटायरमेंट के समय की सैलरी की करीब 50 फीसद राशि पेंशन के रूप में मिलती थी लेकिन एनपीएस में अभी तक निश्चित रिटर्न की कोई गारंटी नहीं है. कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद कितनी पेंशन हाथ में आएगी इस बारे में कोई अनुमान नहीं होता. इसी वजह से सरकारी कर्मचारी एनपीएस का विरोध कर रहे हैं. छत्तीसगढ़, राजस्थान और हिमाचल प्रदेश सरकार पुरानी पेंशन की बहाली का फैसला कर चुकी हैं.
एनपीएस को आकर्षक बनाने के लिए ही सरकार ने वित्त सचिव टीवी सोमनाथन की अध्यक्षता में एक पैनल गठित किया है जो इस स्कीम की समीक्षा कर रहा है और जोखिम मुक्त पेंशन भुगतान के मामले में इसे और अधिक आकर्षक बनाने के तरीके तलाश रहा है. इस पैनल में दीपक मोहंती सदस्य के रूप में शामिल हैं. हालांकि एक्सपर्ट का मानना है कि एनपीएस की तुलना ओपीएस से नहीं की जा सकती. एनपीएस में रिटायरमेंट के बाद जो पेंशन मिलेगी, वह स्थिर रहेगी जबिक पुरानी स्कीम के तहत पेंशन में महंगाई दर के हिसाब से सालाना वृद्धि का प्रावधान होता है.
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