देश में भले ही कोरोना की दूसरी लहर कमजोर पड़ गई हो लेकिन उसका डर अब भी बरकरार है. कोरोना के केस अब भी लगातर सामने आ रहे हैं. इस नए वैरिएंट ने राज्य सरकार की परेशानियों को बढ़ा दिया है. राजस्थान के हेल्थ मिनिस्टर रघु शर्मा ने कप्पा वैरिएंट की पुष्टि करते हुए बताया कि राज्य में कुल 11 मामले अब तक सामने आए हैं. जिसमे से अलवर में 4, जयपुर में 4, बाड़मेर में 2 और भीलवाड़ा में एक मरीज कप्पा वैरिएंट के मिले हैं. हेल्थ मिनिस्टर ने इस वैरिएंट को डेल्टा से कम घातक बताया है.
कोविड नियमों का पालन करने की अपील
हेल्थ मिनिस्टर ने कप्पा वैरिएंट के तेजी से बढ़ते मामले को देखते हुए चिंता व्यक्त की और लोगों से कोरोना नियमों का पालन करने की अपील की. बता दें की मंगलवार को राजस्थान में कोरोना के 33 नए मामले सामने आए हैं. अब प्रदेश में कोरोना मरीजों की तादाद बढ़कर 9,53,159 हो गई है. इस महामारी से राज्य में अब तक कुल 8,945 लोगों की मौत हो चुकी है.
डेल्टा वैरिएंट से कम घातक है कप्पा
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि कप्पा कोई नया वैरिएंट नहीं है बल्कि यह पहले से मौजूद था और यह डेल्टा से कम घातक है. कोरोना के नए नए वैरिएंट इन दिनों देश में चर्चा का विषय है. पिछले हफ्ते उत्तर प्रदेश में भी कप्पा वैरिएंट के दो मामले सामने आए थें. इस वैरिएंट के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए सभी राज्य सरकारों ने लोगों से सख्ती से कोरोना नियमों का पालन करने की अपील की है. फिलहाल इसे डेल्टा वैरिएंट से कम घातक माना जा रहा है.
कप्पा वैरिएंट वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट है
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन ने कप्पा को ‘वैरिएंट ऑफ इंटेरेस्ट’ और डेल्टा वैरिएंट को ‘वैरिएंट ऑफ कंसर्न’ बताया है. जानकारों के मुताबिक देश में कोरोना की दूसरी लहर के लिए डेल्टा वैरिएंट ही जिम्मेदार है.
हेल्थ एक्सपर्ट्स की माने तो कप्पा वैरिएंट की पुष्टि और भी कई राज्यों में की गई है लेकिन यह डेल्टा वैरिएंट की तरह संक्रामक नहीं है. एक तरफ जहां तमाम सरकारें कोरोना की तीसरी लहर से बचने के इंतजाम में जुटी हैं वहीं दूसरी तरफ इस नए वैरिएंट ने लोगों के अंदर एक नया डर बैठा दिया है.