Ayushman Bharat Yojana: सरकार के खर्चों का हिसाब करने वाली संस्था CAG ने आयुष्मान भारत योजना (PM-JAY) में बड़ी खामियों को उजागर किया है. CAG ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि आयुष्मान भारत योजना के तहत करीब 7.5 लाख रजिस्ट्रेशन सिर्फ एक फोन नंबर पर हुए हैं. इसके अलावा एक और फोन नंबर है जिस पर 1.39 लाख रजिस्ट्रेशन दर्ज किए गए हैं. सरकार इस योजना में होने वाले फर्जीवाड़े को पकड़ने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिस्टम (AI) और मशीन लर्निंग (ML) का इस्तेमाल करने का फैसला किया है. बता दें कि प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PMJAY) विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजनाओं में से एक है.
फर्जी कार्ड की होगी पहचान
सरकार ने सही लोगों तक इस स्कीम का लाभ पहुंचाने के लिए AI तकनीक का इस्तेमाल करने का फैसला किया है जिससे फर्जीवाड़े पर रोक लगाई जा सके. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए फर्जी कार्ड की पहचान की जाएगी. दरअसल, नेशनल हेल्थ अथॉरिटी (NHA) के आंकड़ों के मुताबिक आयुष्मान योजना के तहत 7.87 करोड़ परिवार रजिस्टर्ड हैं. रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ था कि योजना का लाभ लेने के लिए फर्जी कार्ड बनाए गए हैं.
कैग ने बताया कि पैनल में शामिल कुछ हेल्थ केयर प्रोवाइडर्स (EHCP) ना तो सपोर्ट सिस्टम और बुनियादी ढांचे के न्यूनतम मानदंडों को पूरा करते हैं और ना ही योजना के दिशानिर्देशों के तहत निर्धारित गुणवत्ता मानक और मानदंड हैं. कुछ राज्यों में पैनल से जुड़े EHCP में लाभार्थियों से उनके इलाज के लिए पैसा तक वसूल किया गया.
क्या है आयुष्मान भारत योजना?
केंद्र सरकार ने गरीब और निम्न आय वर्ग से जुड़े लोगों को बेहतर इलाज देने की मकसद से आयुष्मान भारत योजना की शुरुआत की है. आयुष्मान योजना के तहत लाभार्थियों को 5 लाख रुपए तक के हेल्थ इंश्योरेंस का लाभ मिलता है यानी इस योजना में रजिस्टर कोई भी कार्डधारक सरकारी या प्राइवेट अस्पताल में 5 लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज करा सकता है. इस योजना का लाभ आदिवासी (SC/ST) बेघर, निराश्रित, दान या भिक्षा मांगने वाला व्यक्ति, मजदूर आदि कोई भी उठा सकता है.