भारतीय इलायची निर्यातकों को आने वाले समय में निर्यात मांग बढ़ने का अनुमान है. दरअसल, मार्च से शुरू होने वाले रमजान के लिए खाड़ी देशों में ग्वाटेमाला की इलायची की तुलना में कम भाव की वजह से भारतीय इलायची निर्यातकों को ज्यादा निर्यात की उम्मीद है. दरअसल, दुबई के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर में 19 से 23 फरवरी तक आयोजित होने वाले गल्फ फूड मेले में घरेलू निर्यातकों के साथ-साथ ग्वाटेमाला के निर्यातक भी हिस्सा ले रहे हैं. मेले में हिस्सा ले रहे अन्य देशों के निर्यातकों की तुलना में भारतीय निर्यातकों को घरेलू इलायची के दाम कम होने से निर्यात मांग में बढ़ोतरी की उम्मीद है.
दाम कम होने से निर्यात मांग बढ़ने की उम्मीद
हालांकि घरेलू निर्यातकों को ग्वाटेमाला से कड़ी प्रतिस्पर्धा की उम्मीद है, लेकिन मौजूदा सीजन में भारतीय इलायची की कम कीमत की वजह से उनकी उम्मीदें बढ़ गई हैं. बता दें कि भाव ज्यादा होने की वजह से पिछले साल भारतीय इलायची निर्यातकों ने कम कारोबार दर्ज किया था. वहीं ग्वाटेमाला की इलायची की तुलना में भाव में 5 डॉलर प्रति टन का अंतर होने की वजह इस बार घरेलू निर्यातकों को अच्छी बिक्री होने की उम्मीद है. घरेलू निर्यातकों के मुताबिक मौजूदा समय में इलायची का भाव 1,450-1,500 रुपये प्रति किलोग्राम के दायरे में है.
लाल सागर संकट से निर्यात में समस्या
हालांकि लाल सागर संकट की वजह से निर्यातकों के लिए दुबई के अलावा सभी खाड़ी देशों को सामान भेजने में दिक्कत हो रही है. मार्ग में परिवर्तन की वजह से जहाजों को गंतव्य तक पहुंचने में करीब दो हफ्ते की देरी हो रही है और जिससे लागत में भी बढ़ोतरी हो रही है. इलायची निर्यातकों के मुताबिक मौजूदा स्थितियों को देखते हुए विदेशों से धन हासिल करने में देरी हो रही है और जिससे घरेलू बाजार में नकदी प्रवाह भी प्रभावित हो रहा है. इलायची निर्यातकों का कहना है कि कई विदेशी खरीदार इस बार भारतीय इलायची के दाम को अनुकूल पाया है.