कोरोना से अधिकांश व्यवस्थाएं बुरी तरह प्रभावित हैं. इस जद में सहालग (शादियों का सीजन) भी आ गए हैं. तमाम बंदिशों के चलते महंगी शादियों (Expensive Wedding) पर तो ग्रहण सा ही लग गया है.
ऐसे में लोग समझदारी से शादी करके महंगी शादियों (Expensive Wedding) पर होने वाले लाखों रुपये बचा पा रहे हैं. संगीत, कैटरिंग, बरात आदि पर होने वाला लाखों रुपये का खर्च बच रहा है.
दिल्ली, महाराष्ट्र और बाकी के राज्यों की ही तरह गुजरात में भी कोरोना ने कहर मचाया हुआ है. अप्रैल से कोरोना की दूसरी लहर शुरू हुई है.
कोरोना के कारण खासकर शादी वाले घरों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. राज्य में शादी के लिए पार्टी हॉल की बुकिंग बंद है. डीजे बुलाने पर पाबंदी है.
शादी में सिर्फ 50 लोगों को ही आमंत्रित कर सकते हैं. इसके अलावा शादी के आयोजन के बारे में पुलिस को सूचित करना और सरकारी वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन कराना भी अनिवार्य है.
ऐसे में लोगों की काफी बचत हो पा रही है. जैसे अहमदाबाद, सूरत, बड़ौदा जैसे बड़े शहरों में हॉल या पार्टी के लिए प्लॉट बुक करवाते हैं, तो एरिया के हिसाब से 50 हजार से 3 लाख रुपए लगते हैं.
इसमें केटरिंग, मंडप डेकोरेशन को जोड़ दें, तो 3 से 10 लाख या अपने बजट के मुताबिक खर्च बढ़ सकता है. इसके अलावा डीजे में 20 हजार से 50 हजार तक का खर्च आता है.
संगीत संध्या का आयोजन 1 से 2 लाख में पड़ता है. बारात लेकर किसी दूसरे शहर में जाना है, तो 20 से लेकर 56 सीट की क्षमता वाली लग्जरी बस का चार्ज प्रति किमी 27 से लेकर 50 रुपए तक है. 15000 रुपये तक चुकाने पड़ते हैं.
50 लोगों के नियम के बाद अब लोग हॉल के बजाए अपनी सोसायटी या फ्लैट के पार्किग स्लॉट, ओपन एरिया या कॉमन प्लॉट में शादी आयोजित कर रहे हैं. डीजे या संगीत संध्या पर पाबंदी के कारण उस पर होने वाला खर्च शून्य है.
50 लोगों के भोजन का खर्च डिश अनुसार 200 से 500 रुपये तक है. बारात में कम लोगों के कारण अब मिनी लग्जरी बस से काम चल जाता है. जिसका भाड़ा प्रति किमी 18 से 22 रुपए है.
कोरोना की वजह से हनीमून पर जाने का भी कोई सोचेगा नहीं, तो उसका पैसा भी बच रहा है. कोरोना की वजह से ज्यादातर डेस्टीनेशन बंद हैं.
अहमदाबाद निवासी जिग्नेश पंड्या की मई के आखिर में शादी है. वो बताते हैं, “पहले सरकार ने शादी में 200 लोगों को बुलाने की अनुमति दी थी, लेकिन, अब घटाकर 50 कर दी गई है. इसकी वजह से हम अपनी सोसाइटी के कॉमन प्लॉट में शादी का समारोह कर रहे हैं. बरात के लिए 18 सीट की मिनी टेम्पों ट्रैवलर बुक की है. इसमें 3 लाख रुपए तक का खर्च कम होगा.”
ऑल गुजरात कैटरिंग एसोसिएशन के सेक्रेटरी परेश देसाई बताते हैं कि, कोरोना की वजह से पूरा वेडिंग मार्केट ठप है. गुजरात में हर साल जनवरी-फरवरी में एनआरआई शादी के लिए आते हैं, लेकिन इस बार सिर्फ 10% ही आए हैं. मार्च तक ठीक बिजनेस रहा, लेकिन अप्रैल-मई में शादी के मुहूर्त ज्यादा होने के बावजूद कमाई नहीं हो रही है.”
वो बताते हैं कि छोटे बैंकट हॉल अपनी मिनिमम कैपेसिटी के हिसाब से चार्ज करते हैं. यानी अगर 200 की क्षमतावाला हॉल है, तो 50 लोगों की शादी का खर्च भी 200 लोगो के हिसाब से ही चार्ज होगा, लेकिन आप भोजन का खर्च कम कर सकते हैं.
अहमदाबाद में वेडिंग इवेन्ट मैनेजमेंट कंपनी रेड इवेन्ट के ओनर अतुल पटेल का कहना है कि पिछले एक साल से मंदी है. पिछले साल अनलॉक के बाद नवंबर और दिसंबर में सीजन थोड़ा ठीक रहा, लेकिन इस समय सन्नाटा है.
उनका कहा है कि 50 लोगों की अनुमति के कारण कोई वेडिंग एजेंसी के पास नहीं जाता है. क्योंकि इतने लोगों के लिए कोई प्लानर की जरूरत ही नहीं है. लोग खुद प्लान करके शादी कर सकते हैं. इसके अलावा 200 से कम लोग हों, तो वेडिंग इवेंट कंपनी को भी महंगा पड़ता है.
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