कोरोना काल में जहां एक ओर रोजगार (Employment) के कई अवसर एवं सतत चल रहे कार्यों को गंवाना पड़ा है तो वहीं, कहीं-कहीं से इस संबंध में अच्छी खबरें भी प्राप्त हुई हैं. जैसे कि कोरोना के विकट संकट के बीच भी पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अंतर्गत राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन लोगों के जीवन को संबल देने वाला साबित हुआ है. इसके सहयोग से देश भर में शहरों से लेकर सुदूर ग्राम्य जीवन के बीच लोगों को रोजगार (Employment) के सुनहरे अवसर निरंतर प्राप्त हो रहे हैं.
इसके रोजगार (Employment) से जुड़े तमाम शुभ समाचारों में से एक यह भी है कि केंद्र की राज्य सरकार के सहयोग से मध्य प्रदेश में संचालित दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना (डीडीयू-जीकेवाय) के तहत नि:शुल्क प्रशिक्षण प्राप्त ग्रामीण क्षेत्र के 816 युवक-युवतियों को देश की निजी क्षेत्र की बड़ी कंपनियों में रोजगार के अवसर दिये गये हैं.
इसके मीशन के लिए मीडिया का काम देख रहे अधिकारी मुकेश दुबे बताते हैं कि मध्यप्रदेश में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अंतर्गत म. प्र. राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा डीडीयू-जीके योजना के तहत ग्रामीण निर्धन परिवारों के युवक-युवतियों को तीन से छह माह की लघु अवधि के नि:शुल्क आवासीय प्रशिक्षणों के माध्यम से बाजार में मांग के अनुरूप कौशल उन्नयन कर विभिन्न उद्योगों एवं सेवा क्षेत्रों से जोड़ा जा रहा है.
मुकेश दुबे कहते हैं कि मध्यप्रदेश में माह अप्रैल एवं मई में डीडीयू-जीके योजना के माध्यम से 816 युवाओं को रोजगार से जोड़ा गया है. प्रदेश के बाहर एवं प्रदेश में विभिन्न प्रतिष्ठित कंपंनियों जैसे-ट्राईडेण्ट-सीहोर, महिमा फाइवर पीथमपुर, स्नाइडर इलेक्ट्रिक हैदराबाद, आइसर मोटर्स पीथमपुर, रिलायंस रिटेल, बिग बास्केट, मदर सन इंडिया मैगनम ग्रुप, अपोलो यूरिलाइफ, एजिस कस्टमर सर्विस, श्रोति टेलीकॉम, वॉलसन्स सिक्युरिटी आदि प्रमुख नियोक्ता हैं.
उन्होंने बताया कि इन कंपनियों में नौकरी प्राप्त करने वाले युवा प्रदेश के विभिन्न जिलों सागर, उज्जैन, गुना, कटनी, रतलाम, विदिशा, होशंगाबाद, रीवा, बालाघाट, नीमच, छिंदवाड़ा एवं सीहोर के रहने वाले हैं. इनमें से अधिकांश ने प्रदेश के बड़े शहर भी नहीं देखे थे. आज उन्हें देश के बड़े शहरों में नौकरी करने का अवसर मिला है.
तथ्यों के साथ अधिकारी मुकेश दुबे ने यह भी बताया है कि क्वेस कार्प लिमिटेड हैदराबाद संस्था से प्रशिक्षण प्राप्त 73 युवतियों को स्नाईडर इलेक्ट्रिक हैदराबाद ने रोजगार का अवसर दिया है. यह सभी युवतियां वेयर हाउस एवं इलेक्ट्रीशियन ट्रेड में छह माह का प्रशिक्षण प्राप्त कर दक्ष हुई थीं.
कोरोना काल में जहां चलती हुई नौकरियों पर संकट मंडरा रहा है. इस स्थिति में युवाओं को नई नौकरी मिलना किसी वरदान से कम नहीं है, खासतौर पर पिछड़े ग्रामीण क्षेत्र की निर्धन परिवारों की युवतियों को नौकरी के लिये कर्तव्य स्थल तक पहुंचने के लिए कंपनी द्वारा भोपाल से हैदराबाद तक हवाई जहाज से यात्रा करने की सुविधा मिलेगी ऐसा सपने में उन्होंने भी नहीं सोचा था.
कम्पनी द्वारा इन्हें 15 एवं 27 मई को भोपाल से हैदराबाद कार्य स्थिर पर जाने के लिए हवाई जहाज से यात्रा करने का अवसर दिया. कोरोना जैसे गंभीर संकट काल में बेटियों को नौकरी मिलने तथा कंपनी के खर्चे पर हवाई जहाज से यात्रा करने का अवसर मिलने पर इनके अभिभावकों की खुशियां दुगनी हो गईं. इनमें अधिकांश युवतियां सागर, बैतूल और कटनी जिले के ग्रामीण क्षेत्रों की निवासी हैं.
यहां बता दें कि प्रदेश में डीडीयू-जीकेवाय के अंतर्गत 72 प्रशिक्षण केन्द्रों में 9,397 युवा प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे थे परंतु कोविड कर्फ्यू के कारण प्रशिक्षण बीच में रुक गया. विगत वर्ष भी आजीविका मिशन द्वारा प्रदेश में लगभग 800 रोगजार मेलों का आयोजन कर लगभग 47 हजार युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराया था.
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