देश में प्रदूषण को कंट्रोल करने के लिए सरकार इलेक्ट्रिक गाड़ियों को बढ़ावा दे रही है. एक तरफ देश के कई शहरों में पेट्रोल 100 रुपये प्रति लीटर के पार चला गया है तो दूसरी ओर भारत के तमाम शहरों में लगातार प्रदूषण बढ़ रहा है. ऐसा कहा जाता है कि आने वाला कल ई-व्हीकल्स (e-vehicles) का है. लेकिन, जब हम गाड़ी खरीदने जाते हैं तो हमारे मन में एक सवाल जरूर आता है कि पेट्रोल के ऑप्शन में इलेक्ट्रिक कार लें या नहीं.
यहां हम आपकी इसी उलझन को दूर करने की कोशिश कर रहे हैं.
गुजरात सरकार हाल ही में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए एक नई पॉलिसी लेकर आई है. इसमें इलेक्ट्रिक कार पर डेढ़ लाख रुपये की सब्सिडी देने की बात की गई है.
मान लीजिए अगर आप गुजरात के अहमदाबाद में रहते हैं और आपने ई-कार खरीदने का मन बना लिया है तो आपको पेट्रोल के तुलना में वो कार खरीदनी चाहिए या नहीं इसके बारे में जान लेते हैं.
क्या हैं फायदे?
इलेक्ट्रिक कार के लिए सबसे पहले चार्जिंग स्टेशन की जरूरत पड़ती है. गुजरात में अभी कुल 278 चार्जिंग स्टेशन हैं और राज्य सरकार की नई पॉलिसी के तहत आने वाले समय में गुजरात में चार्जिंग पॉइंट्स की संख्या में 250 का इजाफा होगा और कुल संख्या 528 कर दी जाएगी.
पेट्रोल पंप्स पर चार्जिंग की सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी. इसके अलावा, ई-कार को कोई रजिस्ट्रेशन फीस भी नहीं भरनी पड़ेगी. अगर टेक्स बेनेफिट की बात करें तो भारत सरकार ने बजट में कहा है कि अगर आपने ई-कार के लिए लोन लिया है तो उसके इंटरेस्ट पर वार्षिक 1.5 लाख टेक्स बेनेफिट मिलेगा. ई-कार के इतने सारे बेनेफिट गिनाने के बाद अब देखते हैं की आपके लिए कौन सी कार बेस्ट है.
पेट्रोल कार vs इलेक्ट्रिक कार
आपको कौन सी कार सस्ती पड़ेगी इसको एक उदाहरण से समझते हैं. उदाहरण के लिए हम टाटा की ही दो कारों नेक्सॉन पेट्रोल और नेक्सॉन EV की तुलना करेंगे.
टाटा नेक्सॉन पेट्रोल के AMT यानी ऑटोमेटिक मॉडल की अहमदाबाद में ऑन रोड कीमत करीब 9.72 लाख है. जबकि नेक्सॉन EV के बेस मोडल की कीमत करीब 15.53 लाख रुपये है. ये एक अंदाजन कीमत है.
क्या है गणित?
अब हम इस 15.53 लाख रुपये में से रजिस्ट्रेशन चार्ज 70,000 रुपये घटा देंगे. इसके अलावा, गुजरात सरकार की 1.5 लाख रुपये की सब्सिडी भी इस प्राइस में से घटा देते हैं तो अब नेक्सॉन EV की कीमत करीब 13.33 लाख रुपये रह जाती है. अब पेट्रोल और इलेक्ट्रिक मॉडल के बीच का अंतर 3.61 लाख रुपये रह जाता है.
अब मान लीजिए कि आप एक महीने में 1000 किमी कार चलाते हैं. अहमदाबाद जैसे बड़े शहर में इतना तो हो ही जाता है. यहां हम पेट्रोल का भाव 100 रुपये प्रति लीटर मानकर चलेंगे.
नेक्सॉन 1 लीटर पेट्रोल में 16 किमी माइलेज देती है. जबकि इलेक्ट्रिक कार में एक यूनिट का चार्ज करीब 9.43 रुपये है और 30 kwh की बैटरी फुल चार्ज करने पर करीब 312 किमी का सफर तय करती है. यानी पेट्रोल कार का प्रति किमी खर्च हुआ 6.25 रुपये और ई-कार का हुआ 1.10 रुपये.
अगर आप पेट्रोल कार चलाते हैं तो एक महीने के ईंधन का खर्च करीब 6,250 रुपये और साल का 75,000 रुपये आएगा. जबकि ई-कार का महीने का खर्च सिर्फ 1,100 रुपये और साल का 13,200 रुपये होगा. यानी 5 साल में आपने जो EV के लिए 3.61 लाख का ज्यादा खर्च किया है वो भी वसूल हो जाएगा.
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