मूडीज एनालिटिक्स के मुख्य एपीएसी इकोनॉमिस्ट स्टीव कोचरन ने भारत में इंडस्ट्रियल मैन्यूफैक्चरिंग बढ़ने के लिए दो तथ्यों को मुख्य रूप से जिम्मेदार बताया.
Economic Recovery: देश में आठ बुनियादी उद्योगों के उत्पादन (8 Core Industry Growth) में इस साल मार्च में 6.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. तुलनात्मक आधार कमजोर होने के बीच प्राकृतिक गैस, इस्पात, सीमेंट और बिजली उत्पादन में वृद्धि के साथ बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर बढ़ी.
शुक्रवार को जारी आधिकारिक आंकड़े के अनुसार आठ बुनियादी उद्योगों (8 Core Industry Growth) — कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद, उर्वरक, स्टील, सीमेंट और बिजली — की वृद्धि दर में पिछले साल इसी महीने यानी मार्च 2020 में 8.6 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गयी थी.
कहां रही ग्रोथ, कहां कमजोरी?
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के आंकड़े के अनुसार मार्च महीने में प्राकृतिक गैस, इस्पात, सीमेंट और बिजली उत्पादन में क्रमश: 12.3 प्रतिशत, 23 प्रतिशत, 32.5 प्रतिशत और 21.6 प्रतिशत का उछाल आया. वहीं पिछले साल इसी महीने में इनमें क्रमश: (-) 15.1 प्रतिशत, (-) 21.9 प्रतिशत, (-) 25.1 प्रतिशत और (-) 8.2 प्रतिशत की गिरावट आयी थी.
कोयला, कच्चा तेल, रिफाइनरी उत्पाद और उर्वरकों के उत्पादन में इस दौरान गिरावट दर्ज की गयी.
वित्त वर्ष 2020-21 (अप्रैल-मार्च) में आठ बुनियादी उद्योगों का उत्पादन एक साल पहले इसी अवधि की तुलना में 7 प्रतिशत घटा. वर्ष 2019-20 की इसी अवधि में इनमें 0.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी.
इन आठ बुनियादी उद्योगों में ग्रोथ आर्थिक रिकवरी की उम्मीद मजबूत करता है. हालाकि पिछले साल इस महीने में संपूर्ण लॉकडाउन के वजह से बेस कम है.