इन दिनों निवेशकों को क्रिप्टो करेंसी से बड़े मुनाफा कमाने का नशा चढ़ा हुआ है पिछले कुछ महीनों में कई क्रिप्टो करेंसी (Cryptocurrency) में काफी निवेश हुआ है. टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के अनुसार प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने एक रिपोर्ट जारी कर कहा है कि वर्चुअल क्रिप्टो करेंसी (Cryptocurrency) बड़ी मात्रा में अवैध नकदी को लॉन्ड्रिंग करते हैं. ईडी (ED) ने चार हजार करोड़ रुपये से अधिक के ऐसे लेनदेन का पता लगाया. इस साल जून में ईडी ने भारत में एक प्रमुख एक्सचेंज को कारण बताओ नोटिस जारी किया था, बाद में पता चला इसने क्रिप्टो करेंसी (Cryptocurrency) का उपयोग करके 2,800 करोड़ रुपए से ज्यादा की लॉन्ड्रिंग की थी.
रिपोर्ट के अनुसार इससे जुड़े दो लेन-देन में एजेंसी को 880 करोड़ रुपये मिले और 1,400 करोड़ रुपये की क्रिप्टो करेंसी के हस्तांतरण का पता चला, लेकिन किसी भी लेनदेन में इससे जुड़े लाभार्थियों का विवरण नहीं था. इस मामले में अपराधियों ने भारतीय रुपये में जमा आय को क्रिप्टो करेंसी ‘टीथर’ में बदल दिया और फिर इसे केमैन आइलैंड में पंजीकृत एक क्रिप्टो वॉलेट सेवा ‘बिनेंस वॉलेट्स’ में बदल दिया था, जहां अवैध धन को डॉलर में परिवर्तित किया गया. इसमें से कोई भी लेन-देन किसी भी ऑडिट या जांच के लिए ब्लॉकचेन पर नहीं मौजूद नहीं है.
ईडी ने अपने हालिया रिपोर्ट में कहा, सरकार ने संसद के शीतकालीन सत्र में सभी निजी क्रिप्टो करेंसी पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक विधेयक को सूचीबद्ध किया है. इसका कारण न केवल वर्चुअल करेंसी का उपयोग करके देश में मनी लॉन्ड्रिंग की बढ़ती घटनाओं को रोकने के लिए बल्कि वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) द्वारा निर्धारित मानकों को पूरा करने के लिए भी ऐसा किया जा रहा है. पिछले साल दिसंबर में ईडी ने गुजरात के भावनगर से एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया था, जो अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी से बड़ी मात्रा में अवैध पैसे को देश से बाहर चीनी नागरिकों को भेजता था और भारतीय रुपये को क्रिप्टो करेंसी में बदलवाता था.
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