दुबई एयरपोर्ट (Dubai Airport) पर अब यात्रियों को सफर के लिए लंबी लाइनों से राहत मिल गई है. दरअसल, यहां एयरपोर्ट (Dubai Airport) अथॉरिटी ने लेटेस्ट फेस रिकग्निशन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल शुरू कर दिया है जिसे ”बायोमैट्रिक पैसेंजर जर्नी” का नाम दिया गया है। इस प्रोग्राम से पैसेंजर्स को काफी सहूलियत मिलेगी.
यात्रा के लिए ऐसा होगा प्रॉसेस
पैसेंजर जब दुबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Dubai Airport) पर पहुंचेंगे तो फेस और आईरिस रिकग्निशन के जरिए चेक इन पर उसकी की जाएगी. यह महज एक बार ही होगा और भविष्य के लिए डेटा कलेक्ट हो जाएगा. इसके बाद यात्री जितने भी स्मार्ट गेट्स से होकर गुजरेंगे, उन सभी पर बायोमैट्रिक टेक्नोलॉजी का डेटा मैच होगा और गेट खुलते जाएंगे. इसके लिए आपकी जेब में पासपोर्ट होना जरूरी होगा.
केवल 9 सेकंड में होगी यात्री की पहचान
वहीं बिजनेस लाउंज में जाने के लिए बोर्डिंग पास दिखाने की जरूरत नहीं होगी. केवल फेस रिकग्निशन से गेट खुल जाएंगे और पैसेंजर यहां पहुंच सकेंगे. आंखों की पुतलियों यानी आयरिश के जरिए पैसेंजर का आइडेंटिफिकेशन किया जा रहा है. इन दोनों के इस्तेमाल से ही पहचान पूरी करने की प्रक्रिया में केवल 9 सेकंड का समय लग रहा है. इस प्रोजेक्ट को बायोमैट्रिक पैसेंजर जर्नी का नाम दिया गया है.
122 स्मार्टगेट से होकर गुजरेंगे पैसेंजर
कोविड-19 के दौर में कॉन्टेक्ट फ्री जर्नी जरूरी है. अब पैसेंजर एयरलाइंस स्टाफ के सम्पर्क में नहीं आएंगे. इसके लिए 122 स्मार्टगेट बनाए गए हैं जिस पर ज्यादा से ज्यादा 9 सेकंड में पहचान की प्रक्रिया पूरी हो रही है.
ऐसा होगा प्रॉसेस
पैसेंजर जब दुबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट पहुंचेगा तो फेस और आईरिस रिकग्निशन के जरिए चेक इन पर उसकी पहचान होगी. यह एक बार ही होगा और भविष्य के लिए डेटा कलेक्ट हो जाएगा. इसके बाद जितने भी स्मार्ट गेट्स से वह गुजरेगा, उन सभी पर बायोमैट्रिक टेक्नोलॉजी का डेटा मैच होगा और गेट खुलते जाएंगे. हालांकि, जेब में पासपोर्ट होना जरूरी होगा. बिजनेस लाउंज में जाने के लिए बोर्डिंग पास दिखाने की जरूरत नहीं होगी, फेस रिकग्निशन से गेट खुल जाएंगे और पैसेंजर यहां पहुंच सकेगा.