ड्रोन से जुड़े नए नियमों ने इसके शौकीनों को सातवें आसमना पर पहुंचाया है. सरकार ने ड्रोन रूल्स 2021 के तहत पिछले नियमों से कहीं अधिक ढील दी है. नई पॉलिसी में न सिर्फ उपभोक्ताओं के लिए ड्रोन खरीदना और ऑपरेट करना आसान हुआ है, बल्कि लाइसेंस पाने की प्रक्रिया भी सरल हुई है.
ड्रोन से जुड़े नए नियमों में मशीन के जरिए भारी सामान इधर-उधर ले जाने की अनुमति मिली है. इससे एयर टैक्सी की संभावनाओं को भी हवा मिली है. हालांकि, ड्रोन को लेकर कुछ चिंताएं भी बनी हुई हैं. नेशनल सिक्योरिटी को लेकर खासकर चिंता जताई जा रही है.
जम्मू में एयर फोर्स पर ड्रोन से हुए हमले के बाद हवाई उड़ान भरने वाली इस मशीन को लेकर सख्त नियमों की जरूरत समझी गई थी. ड्रोन ऐसे तो बेहद काम के साबित हो सकते हैं, बशर्ते किसी गलत व्यक्ति के हाथ इनका रिमोट न लग जाए. कुछ समय से ड्रोन का इस्तेमाल हथियार की तरह किया जाने लगा है.
नए नियम के तहत, ड्रोन से जुड़ी कुछ अप्रूवल की जरूरत को खत्म किया गया है. यह देश की सुरक्षा के लिहाज से खतरनाक साबित हो सकता है. नए नियमों ने देश के 50 हजार करोड़ रुपये से अधिक की मार्केट क्षमता वाले ड्रोन इकोसिस्ट का नया दौर शुरू किया है. ड्रोन फेडरेशन ऑफ इंडिया के मुताबिक, इससे अगले पांच साल में पांच लाख नौकरियां पैदा की जा सकती है.
इतनी संभावनाओं को साथ में लेकर आए नए नियमों का स्वागत किया जाना चाहिए, मगर सतर्कता के साथ. अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है. भारत को एक इंटरेक्टिव एयरस्पेस मैप पेश करना होगा. इसमें देश की सुरक्षा के हिसाब से ग्रीन, येलो और रेड जोन को स्पष्ट किया जाना चाहिए, ताकि खतरे को टाला जा सके.
ड्रोन का अगर सही से इस्तेमाल हो तो नए नियमों के जरिए स्टार्टअप्स और छोटे, मझौले उद्यमों (SME) को ई-कॉमर्स, कृषि, माइनिंग, स्वास्थ सेवाओं, आपातकाली सुविधाओं और लॉजिस्टिक्स के क्षेत्रों में इनोवेशन के मौके मिलेंगे.