कर्नाटक में ड्रोन (Drone) से दवा वितरण का पहला परीक्षण शुरू किया गया है. जानकारी के मुताबिक चिक्काबलापुरा जिले के गौरीबिदनुरु तालुक के शंबुका नगर में ड्रोन (Drone) के माध्यम से दवा वितरण का प्रयोग शुरू हुआ है. यदि प्रयोग सफल रहता है तो यह भारत में चिकित्सा सेवाओं के लिए गेम-चेंजर साबित हो सकता है.
दो किलोग्राम वजन तक ले जाने में सक्षम हैं ड्रोन
बेंगलुरु स्थित थ्रॉटल एयरोस्पेस सिस्टम्स (एटीएस) ने आज दो रेंज और वजन के ड्रोन से दवा भेजने का प्रयोग शुरू किया है. इनमें पहला ड्रोन 15 किमी. की रेंज के साथ एक किलोग्राम वजन तक और दूसरा अधिकतम 12 किमी. की रेंज में दो किलोग्राम तक ले जाने की क्षमता रखता है.
एटीएस अगले 40 से 45 दिन तक इनका करेगा परीक्षण
एटीएस अगले 40 से 45 दिन तक इनका परीक्षण करेगा। एटीएस ने चिक्कबल्लापुरा में दवा वितरण के लिए दो मेडिकोप्टर ड्रोन का इस्तेमाल शुरू किया है. इनके संचालन में रेंडिंट नाम का एक डिलीवरी सॉफ्टवेयर ड्रोन की सहायता करेगा.
सॉफ्टवेयर के जरिए कुछ ऐसे काम करेगा ड्रोन
बताया गया है कि मांग के अनुसार दवाओं को पैकेट ड्रोन में डाल दिया जाएगा, जो एक सॉफ्टवेयर के माध्यम से निर्देशों के अनुसार पैक को निर्दिष्ट स्थानों पर गिरा देगा. ड्रोन का उपयोग दवा की डिलीवरी, आपातकालीन भोजन और आपातकालीन स्थितियों में अंगों को अस्पताल पहुंचाने के लिए भी किया जा सकता है.
बताया गया कि नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) न्यूनतम एक सौ घंटे तक उड़ान भरने के बाद ही ड्रोन उड़ाने की अनुमति देगा और टीएएस आने वाले दिनों में न्यूनतम 120 घंटे उड़ान भरने की योजना बना रहा है. परियोजना को नारायण हेल्थ केयर की मदद से विकसित किया गया है और टीएएस ने हॉनवेल एयरोस्पेस के साथ सहयोग किया है.