Digital Skills Training: भारत को दुनिया के लिए ह्यूमन रिसोर्स कैपिटल बनाने के लिए स्किल इंडिया मिशन (Digital Skills Training) की शुरुआत की गई. लेकिन कोविड के दौर में एक नए युग की शुरुआत हो रही है, जिसमें डिजिटल और तकनीक का सबसे ज्यादा महत्व है. ऐसे में युवाओं के स्किल को नए रूप से तैयार करने जरूरत है. इसके लिए कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय ने काम करना भी शुरू कर दिया है. कौशल विकास योजना के तहत बदलते दौर के अनुसार कौशल विकास प्रदान करने के लिए अब डिजिटल प्रौद्योगिकी तथा उद्योगों के 4.0 कौशल पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है. कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय औद्योगिक क्रांति 4.0 की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए कोविड काल के बाद डिजिटल कौशल पर विशेष रूप से ध्यान दे रहा है.
मुफ्त डिजिटल लर्निंग प्लेटफॉर्म, “स्किल्स बिल्ड रिनाइट के साथ एमओयू इसके लिए कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय (एमएसडीई) के अधीन प्रशिक्षण महानिदेशालय (डीजीटी) ने मुफ्त डिजिटल लर्निंग प्लेटफॉर्म, “स्किल्स बिल्ड रिनाइट” के लिए जून 2020 में आईबीएम के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) किया है. स्किल बिल्ड रिनाइट का उद्देश्य नौकरी चाहने वालों और उद्यमियों को निशुल्क ऑनलाइन कोर्स वर्क तक पहुंच प्रदान करना और उनके करियर और व्यवसायों को सुदृढ़ करने में मदद करने के लिए मेंटरिग सहायता प्रदान करना है. इसके अलावा क्लाउड कंप्यूटिंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में बहुआयामी डिजिटल कौशल प्रशिक्षण देश भर के छात्रों और प्रशिक्षकों को राष्ट्रीय कौशल प्रशिक्षण संस्थानों में प्रदान किया जाता है.
ई-लर्निंग एग्रीगेटर पोर्टल पर 900 से अधिक ई-पाठ्यक्रम कौशल विकास मंत्रालय के अधीन राष्ट्रीय कौशल विकास निगम ने भारतीय युवाओं को ई-कौशल के अवसर प्रदान कर बहुभाषी पोर्टल ई-स्किल इंडिया तैयार किया है. ई-स्किल इंडिया एक ही स्थान पर भारत के युवाओं के लिए सर्वश्रेष्ठ श्रेणी के डिजिटल अवसर लाने के लिए विशेषज्ञों के साथ एक ई-लर्निंग एग्रीगेटर पोर्टल के रूप में सहयोगात्मक रूप से काम करता है. इस पोर्टल पर 900 से अधिक ई-पाठ्यक्रम और 7.5 लाख से अधिक नामांकन हैं. ई-स्किल इंडिया पर अधिकांश ई-कोर्स निशुल्क दिए जाते हैं. इसी तरह, डीजीटी द्वारा प्रबंधित भारत कौशल पोर्टल डिजिटल मोड के माध्यम से दीर्घावधि प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए है.
कौशल विकास से युवा प्राप्त कर सकता है रोजगार नेशनल स्किल डवलपमेंट कॉरपोरेशन के पूर्व सीईओ जंयत कृष्णा बताते हैं कि आजादी के बाद से हमारे देश में एजुकेशन पर ज्यादा जोर रहा है लेकिन स्किल पर कोई तब ज्यादा ध्यान नहीं देता था. लेकिन बदलते परिवेश के साथ शायद सभी इस बात को देख रहे हैं कि एजुकेशन से भले ही किसी को रोजगार न मिले लेकिन स्किल से एक युवा रोजगार प्राप्त कर सकता है. हालांकि पांच साल पहले देखें तो आईटीआई और पॉलिटेक्निक के अलावा देश में स्किल के क्षेत्र में कुछ नहीं था. लेकिन पिछले पांच साल में नेशनल स्किल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन, स्किल इंडिया मिशन के तहत लगभग पांच करोड़ से युवाओं को ट्रेंड किया गया.
उन्होंने बताया कि इन पांच साल में योजना के तहत कई ऐसे कोर्स कराए गए जो उनके स्किल को बाहर लाए और उन्हें रोजगार या खुद का छोटा उद्यम शुरू करने में मदद मिले. इसके अलावा आईटीआई आदि में कई नए स्किल प्रोग्राम जोड़े गए. देश के सभी राज्य और उसके जिलों में कॉलेज, स्कूल ड्रॉपआउट युवाओं को भी इस योजना से जोड़ा गया. एक तरह से भारत में जितने युवा हैं उनके अलग-अलग कौशल को पहचाना जा रहा है.
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