हर साल लाखों श्रदालु माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए जम्मू के कटरा नगर जाते हैं. कटरा में माता वैष्णो देवी का दरबार त्रिकूटा पर्वतों पर है. बहुत बड़ी संख्या में श्रद्धालु रेल और सड़क मार्ग से हर रोज कटरा पहुंचते हैं. भारतीय रेलवे तो पहले ही कटरा तक ट्रेन सेवाएं संचालित कर रहा है अब सड़क मंत्रालय भी कटरा तक एक्सप्रेस-वे के जरिए श्रद्धालुओं को पहुंचाने के लिए काम तेज कर रहा है. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि अगले दो साल में दिल्ली से कटरा एक्सप्रेस शुरू कर दिया जाएगा.
केंद्रीय सड़क मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि Delhi-Katra expressway दो सालों में शुरू हो जाएगा. इसके निर्माण से दिल्ली से कटरा की दूरी 727 किलोमीटर से घटकर 572 किलोमीटर रह जाएगी. दिल्ली-कटरा एक्सप्रेस-वे की शुरुआत के बाद से यात्री महज 6 घंटे में दिल्ली से कटरा का सफर पूरा कर सकेंगे. इस दौरान नितिन गडकरी ने ये भी बताया कि उनका मंत्रालय दिल्ली से चंडीगढ़, दिल्ली से देहरादून और दिल्ली से हरिद्वार के लिए नई सड़कों पर काम कर रहा है ताकि दिल्ली से इन स्थानों तक महज 2 घंटे में पहुंचा जा सके. जबकि अभी इसी सफर को पूरा करने में करीब 5 घंटे लगते हैं. नए सड़क प्रोजेक्ट्स के पूरा होने पर न सिर्फ समय की बचत होगी, बल्कि फ्यूल की खपत भी घटेगी. इसका फायदा कम प्रदूषण के रूप में भी मिलेगा.
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी 16 सितंबर को मध्यप्रदेश में कुल 11,311 करोड़ रुपये की लागत वाली 35 सड़क परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण करेंगे. मध्यप्रदेश सरकार के अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि ये परियोजनाएं राज्य में 1,530 किलोमीटर लंबी सड़कों के निर्माण से संबंधित हैं. उन्होंने बताया कि इंदौर में आयोजित कार्यक्रम के दौरान गडकरी राज्य में सड़क निर्माण की 21 परियोजनाओं का शिलान्यास और 14 परियोजनाओं का लोकार्पण करेंगे. इस कार्यक्रम में राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी मौजूद रहेंगे.
दिल्ली से मुंबई पहुंचने में लगेंगे महज 12 घंटे
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे मंदसौर (102.4 किमी), रतलाम (90.1 किमी) और झाबुआ (52 किमी) से होकर गुजरेगा. यह एक्सप्रेसवे मध्य प्रदेश में कुल 245 किमी की दूरी तय करेगा. 8-लेन एक्सप्रेसवे के तहत मध्य प्रदेश के तीन जिलों में 214 पुल, 511 पुलिया, 100 छोटे और बड़े अंडरपास और सात टोल बूथ होंगे. इस नए एक्सप्रेसवे से दिल्ली और मुंबई के बीच यात्रा का समय 24 घंटे से घटकर लगभग 12 घंटे रह जाने की उम्मीद है.
32 करोड़ लीटर से ज्यादा ईंधन की होगी बचत
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के अनुसार, इस एक्सप्रेसवे के बनने से हर साल लगभग 32 करोड़ लीटर से ज्यादा ईंधन की बचत होगी. इतना ही नहीं, इससे कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन भी 85 करोड़ किलोग्राम तक कम होगा, जो कि लगभग 400 लाख पेड़ लगाने के बराबर है. पर्यावरण संरक्षण के लिए राजमार्ग के किनारे करीब 20 लाख पेड़-पौधे लगाए जाएंगे.
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