• English
  • বাংলা
  • తెలుగు
  • मराठी
  • ಕನ್ನಡ
  • ગુજરાતી
  • money9
  • बीमा
  • बचत
  • कर्ज
  • इन्वेस्टमेंट
  • आईपीओ
  • कमोडिटी
    • गोल्ड
    • कृषि
    • एनर्जी
    • मेटल्स
  • Breaking Briefs
downloadDownload The App
Close
  • Home
  • Videos
  • Podcast
  • Exclusive
  • टैक्स
  • म्यूचुअल फंड
  • बचत
  • कर्ज
  • म्यूचुअल फंड
  • स्टॉक
  • प्रॉपर्टी
  • कमोडिटी
    • गोल्ड
    • कृषि
    • एनर्जी
    • मेटल्स
  • Survey 2023
  • Survey Report
  • Breaking Briefs
  • बीमा
  • बचत
  • लोन
  • इन्वेस्टमेंट
  • म्यूचुअल फंड
  • प्रॉपर्टी
  • टैक्स
  • Exclusive
  • आईपीओ
  • Home / Exclusive

दार्जलिंग चाय के बागान अब क्यों हैं मुश्किल में?

चीन और भारत के बीच चाय को लेकर ये बहस सदा से होती रही है और सदा होती रहेगी लेकिन दार्जलिंग चाय को इसका GI टैग मिल चुका है.

  • Varun Kumar
  • Last Updated : September 16, 2022, 13:35 IST
Darjeeling Tea Garden
  • Follow

पश्चिम बंगाल में एक जगह है नेपाल और सिक्किम के नजदीक. नाम है दार्जलिंग, पहाड़ी इलाका. यहां की चाय और चाय के बागान बहुत मशहूर है. यहां की चाय को चायों की शैंपेन कहा जाता है. चाय के स्वाद की परख रखने वाले चाहे दुनिया में कहीं के भी हों, दार्जलिंग चाय की दीवानगी उनके सिर चढ़कर बोलती है. यूरोप से लेकर जापान तक इस चाय की अपनी एक खास पहचान है लेकिन आने वाले दिनों में चाय के दीवानों को इसके स्वाद से महरूम होना पड़ सकता है. जितनी तरह की चाय होती हैं, उतनी ही तरह की कहानियां हैं चाय की उत्पत्ति की. यानी सबसे पहले चाय कब और कहां पैदा हुई थी. हम भारत वाले दावा करते हैं कि सबसे पहले चाय भारत में उगाई गई थी. हिमालय की तराई के इलाकों में. वहीं चीन वाले भी यही दावा अपनी तरह से पेश करते रहते हैं. चीन और भारत के बीच चाय को लेकर ये बहस सदा से होती रही है और सदा होती रहेगी लेकिन दार्जलिंग चाय को इसका GI टैग मिल चुका है.

दार्जलिंग की चाय का स्वाद जितना दिलचस्प है उतनी ही दिलचस्प है इसकी कहानी. साल 1841 में एक डॉक्टर थे, मशहूर सर्जन. स्कॉटलैंड के रहने वाले थे. नाम था आर्चीबाल्ड कैंपबेल. चाय के शौकीन थे. वो कुमाऊं इलाके से चाय पौधे के बीज लाए, उनको दार्जलिंग में उगने वाले चाय के पौधों के साथ मिलाकर प्रयोग करना शुरु किया और इस तरह जन्म हुआ एक नए नायाब स्वाद का. दार्जलिंग चाय के स्वाद का. दार्जलिंग में चाय के करीब 87 बागान हैं और यहां उगने वाली चाय का 60 फीसदी हिस्सा विशुद्ध ऑर्गेनिक होता है.

दार्जलिंग चाय दुनिया की सबसे महंगी चाय में शुमार की जाती है. यहां कुछ ऐसी चाय भी उगाई जाती हैं जिनकी कीमत 54 हजार रुपए किलो तक की है. एक अनुमान के मुताबिक यहां से हर साल करीब 5-6 अरब रुपए की चाय बेची जाती है. चाय के इन बागानों के कारण एक लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार मिला हुआ है. लेकिन अब आने वाले दिनों में दार्जलिंग की चाय का स्वाद लेना उतना आसान नहीं रहेगा. वजह ये है कि यहां के 35-40 चाय के बागान बिकने के कगार पर आ गए हैं.

वजह ये है कि चाय बागान चलाने वाले परेशान हैं. प्रोडक्शन की कीमत बढ़ गई है और यूरोप, जापान के अंतरराष्ट्रीय खरीदार भी चाय कम ही खरीद रहे हैं. यूरोप में इन दिनों आर्थिक सुस्ती जैसे हालात हैं और वहां के रईस अब इस चाय को अफोर्ड नहीं कर पा रहे हैं. वहीं जापान ने तो 2017 से ही इस चाय से दूरियां बनानी शुरू कर दी थीं. जबसे यहां गोरखा आंदोलन के कारण चाय बागान काफी दिनों तक बंद रहे थे. चाय बागान बिजने के कगार पर हैं इसके लिए यही दो वजहें नहीं हैं. वजह नेपाल के रास्ते चीन से आने वाली चाय भी है.

रिपोर्ट बताती हैं कि चीन और नेपाल की चाय भी दार्जलिंग की चाय के लिए बड़ा खतरा हैं. इनका स्वाद काफी हद तक दार्जलिंग चाय जैसा ही होता है इसलिए कोई सामान्य शख्स दोनों के बीच का फर्क समझ ही नहीं पाता. दार्जलिंग में हर साल 80-85 लाख किलो चाय का उत्पादन होता है. जैसा हमने पहले बताया कि 2017 में चाय के बागान 4 महीने के लिए बंद रहे थे, इसी दौरान नेपाल और चीन की चाय ने सीमावर्ती इलाकों में अपनी पहुंच बनानी शुरू कर दी थी.

ऐसा माना जाता है कि अब जापान भी नेपाल और चीन की चाय खरीदने लगा है. वैसे भी नेपाल में जितनी चाय उगाई जाती है. यानी करीब ढ़ाई करोड़ किलो. उसमें से आधी से ज्यादा भारत में ही बेची जाती है. अब इधर दार्जलिंग चाय के काम से जुड़े कार्मचारियों की सैलरी बढ़ रही है, उत्पादन की लागत बढ़ रही है, वहीं दूसरी ओर खरीदार भी कम हो रहे हैं और कंपटीशन भी बढ़ रहा है. ऐसे में चाय बागान चलाने वालों का हौसला टूट रहा है. ऐसे में वो बागानों में रिजॉर्ट बनाने और टी टूरिज्म शुरू करने के विकल्पों पर भी विचार कर रहे हैं.

इंडियन टी एक्सपोर्ट्स एसोसिएशन के चेयरमैन अंशुमान कनोरिया कहते हैं कि दार्जलिंग चाय इंडस्ट्री, फाइनेंशियल क्राइसिस से गुजर रही है. अब बागान मालिकों के लिए इनको चलाना कठिन होता जा रहा है. दार्जलिंग टी एसोसिएशन से जुड़े संदीप मुखर्जी कहते हैं कि एक दशक पहले हम 11 मिलियन किलो चाय उगाते थे, 2021 में उत्पादन केवल 6.7 मिलियन किलो रह गया, मांग बढ़ी नहीं है ऐसे में 55 हजार स्थाई कर्मचारियों का खर्चा उठाना काफी कठिन है. रिपोर्ट बताती हैं कि स्थाई कर्मचारियों के अलावा अप्रत्यक्ष रूप से करीब 4 लाख लोग इस कारोबार से जुड़े हैं. दार्जलिंग चाय इंडस्ट्री की जैसी हालत है, अगर इस पर गौर नहीं किया गया और अगर वाकई 50 फीसदी बागान रिजॉर्ट में तब्दील हो गए तो शायद आने वाले दिनों में दार्जलिंग चाय की केवल कहानियां ही सुनने को मिलेंगी.

Published - September 16, 2022, 01:35 IST

पर्सनल फाइनेंस पर ताजा अपडेट के लिए Money9 App डाउनलोड करें।    

  • Darjeeling Tea

Related

  • भाविश अग्रवाल ने बताई ओला के मुनाफे की रूपरेखा, इलेक्ट्रिक कार पर नहीं है फोकस
  • बैंक क्‍यों बढ़ा रहे हैं जमा दर, एसबीआई अर्थशास्त्री ने दी जानकारी
  • Home Loan rates Aug: ये बैंक दे रहे सबसे सस्‍ता होम लोन, घर खरीदने में नहीं बढ़ेगा EMI का बोझ
  • घर बैठे लोग हर महीने ले रहे 200 करोड़ रुपये का लोन, बड़े काम की है ये सुविधा
  • अब टीवी फ्रिज बनाएगी रिलायंस, इस नाम से बाजार में ली एंट्री
  • भारत ने गंवा दिया चीन का बाजार!

Latest

  • 1. फटाफट खरीद लो iPhone, बढ़ने वाले हैं दाम
  • 2. पैन-आधार नहीं हैं लिंक्ड?
  • 3. 10 साल से व‍िजय केड‍िया के पास ये शेयर
  • 4. Vi को मिलेगी सरकार से बड़ी राहत?
  • 5. Nifty50 का ह‍िस्‍सा बनेगी Indigo
  • Trending Stories

  • फटाफट खरीद लो iPhone, बढ़ने वाले हैं दाम!
  • पैन-आधार नहीं हैं लिंक्ड?
  • 10 साल से व‍िजय केड‍िया के पास ये शेयर
  • Vi को मिलेगी सरकार से बड़ी राहत?
  • Nifty50 का ह‍िस्‍सा बनेगी Indigo
  • TV9 Sites

  • TV9 Hindi
  • TV9 Marathi
  • TV9 Gujarati
  • TV9 Kannada
  • TV9 Bangla
  • TV9 English
  • News9 Live
  • Trends9
  • Tv9tamilnews
  • Assamtv9
  • Malayalamtv9
  • Money9 Sites

  • Money9 Hindi
  • Money9 English
  • Money9 Marathi
  • Money9 Telugu
  • Money9 Gujarati
  • Money9 Kannada
  • Money9 Bangla
  • Money9live
  • Topics

  • बीमा
  • बचत
  • कर्ज
  • शेयर
  • म्यूचुअल फंड
  • प्रॉपर्टी
  • टैक्स
  • क्रिप्टो
  • एक्सक्लूसिव
  • survey data
  • Download App

  • play_store
  • App_store
  • Contact Us
  • About Us
  • Advertise With Us
  • Privacy & Cookies Notice
  • Complaint Redressal
  • Copyright © 2025 Money9. All rights reserved.
  • Facebook
  • Twitter
  • Whatsapp
  • LinkedIn
  • Telegram
close