अरब सागर में पैदा हुए चक्रवाती तूफान तौकते (Cyclone Tauktae) को भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने एक बेहद गंभीर साइक्लोन बताया है. तूफान की वजह से गुजरात और मुंबई में भारी बारिश हो रही है और 1.5 लाख से ज्यादा लोगों को सुरक्षित जगहों पर शिफ्ट करना पड़ा है.
लेकिन, इस तूफान का नाम -तौकते (Cyclone Tauktae) भी बेहद अनोखा है. साथ ही पहले आए कई तूफानों के नाम भी इस तरह के रहे हैं जो मन में अचरज पैदा करते हैं. मसलन, गुजरे वक्त में एक बड़ा तूफान आया था जिसका नाम कटरीना रखा गया था.
Cyclone Tauktae क्या है इस नाम का मतलब? इससे ये सवाल पैदा होता है कि आखिर इन तूफानों के नाम कैसे रखे जाते हैं. साथ ही हम गुजरे वर्षों में इस तरह के अनोखे नाम वाले तूफानों के बारे में भी बताएंगे.
सबसे पहले हम ये बताएंगे कि साइक्लोन तौकते (Cyclone Tauktae) नाम का आखिर क्या मतलब है?
इस साइक्लोन का नाम तौकते (Cyclone Tauktae) म्यांमार ने दिया है. ये स्थानीय स्तर पर पाई जाने वाली एक छिपकली के नाम पर रखा गया है.
#CycloneTauktae will hit Indian coasts soon. Do you know what it’s name means. ‘Tauktae’ (pronounced as Tau’Te), a name given by #Myanmar, means highly vocal lizard #GECKO.
The cyclone names are given by countries on rotation basis in region.@mcbbsr pic.twitter.com/AakbZva8gr
— Parveen Kaswan, IFS (@ParveenKaswan) May 15, 2021
साइक्लोन्स के नाम रखने की पूरी कहानी
चक्रवाती तूफानों (साइक्लोन्स) के नाम रखने की परंपरा कई वर्षों पहले शुरू हुई है. इसका मकसद इन तूफानों की तेजी से पहचान करना और चेतावनी संदेश जारी करना होता है.
तूफानों के नामकरण करने से इन्हें पहचानना आसान हो जाता है और ये अपने नामों से ही याद रहते हैं.
साथ ही मीडिया भी इन्हें इनके नाम की वजह से जल्द प्रचारित कर पाती है और लोगों तक चेतावनी संदेश तेजी से पहुंचाने में मदद मिलती है.
इस वजह से रखे जाने लगे नाम
अंतरराष्ट्रीय मौसम विज्ञानियों ने ये पाया है कि तूफानों को उनके अक्षांश-देशांतर के जरिए पहचानने और इस तरह से इसकी सूचनाएं साझा करना मुश्किलभरा होता है. ऐसे में इन्हें छोटे और अलग तरह के नाम देने की परंपरा शुरू की गई.
वर्ल्ड मेटियोरोलॉजिकल ऑर्गनाइजेशन (WMO) इन साइक्लोन्स के नाम रखता है.
पहले यूं ही रख दिए जाते थे नाम
शुरुआत में इन साइक्लोन्स के नाम यूं ही रख दिए जाते थे. मसलन, एक अटलांटिक तूफान ने एक बोट, जिसका नाम आंते (Antje) था, को तबाह कर दिया था. इसके चलते इस तूफान का नाम Antje रख दिया गया.
महिलाओं के नाम पर, फिर पुरुषों के नाम पर और फिर अल्फाबेट, ऐसे उभरी नामकरण की प्रक्रिया
इसके बाद 1900 के मध्य में तूफानों के नाम महिलाओं से जुड़ते हुए रखने की प्रैक्टिस शुरू हो गई.
बाद में मौसम विज्ञानियों ने इन तूफानों को अल्फाबेट के हिसाब से बनाई गई लिस्ट के जरिए तय करना शुरू कर दिया. मिसाल के तौर पर, साल में
सबसे पहले आने वाले तूफान का नाम A से शुरू किया जाता था, ऐसे ही एक तूफान का नाम एने (Anne) रखा गया.
1900 के अंत में तूफानों के नाम पुरुषों के नाम पर रखे जाने लगे.
1953 से नेशनल हरीकेन सेंटर की लिस्ट से तय होने लगे नाम
1953 से अटलांटिक ट्रोपिकल तूफानों का नाम नेशनल हरीकेन सेंटर की बनाई गई लिस्ट के जरिए रखा जाने लगा.
अब इन नामों को WMO देता है.
रोटेट होती है लिस्ट
मूल लिस्ट में केवल महिलाओं के नाम थे. 1979 में पुरुषों के नाम भी इसमें शामिल किए गए. साथ ही लिस्ट को इस तरह से तैयार किया गया है कि इसमें एक पुरुष और एक महिला का नाम चलता है. छह लिस्ट्स अभी रोटेशन में चल रही है.
2019 की लिस्ट को 2025 में फिर इस्तेमाल किया जाएगा.
हालांकि, ऐसे नामों का दोबारा इस्तेमाल नहीं किया जाता है जो कि एक तूफान के तौर पर बेहद विनाशकारी साबित हुए हों और इनकी दूसरे तूफान से तुलना मुश्किल हो.
ऐसे हालात में WMO की बैठक होती है और इसमें नामों को बदला जाता है.
ये हैं कुछ बड़े तूफानों के नाम
इस तरह के कुछ तूफानों में मैंगफुट (फिलीपींस, 2018), इरमा और मारिया (कैरीबियन, 2017), हाइयान (फिलीपींस, 2013), सैंडी (अमरीका, 2012), कटरीना (अमरीका, 2005), मिच (होंडुरस, 1998) और ट्रेसी (डारविन, 1974) शामिल हैं.ॉ
इससे पहले पिछले साल नवंबर में देश के दक्षिणी हिस्से में साइक्लोन निवार आया था.
2020 में साइक्लोन अंफन ने तबाही मचाई थी. 2019 में एक साइक्लोन आया था जिसका नाम फानी रखा गया था.
2013 में आए एक भयंकर तूफान का नाम हेलेन दिया गया था.
2005 में कटरीना और रिटा तूफान आए थे. 2017 में इरमा और मारिया तूफान आए.
2014 का हुदहुद तूफान भी काफी भयंकर था.
इसके अलावा 2014 में ही नीलोफर और 2015 में चपला नाम के तूफान भी आए.
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