सुमेधा को क्रेडिट कार्ड लेना था. एक दिन ऑनलाइन सर्च किया कि कौन सा कार्ड सबसे सही है. इसके कुछ दिन बाद उन्हें एक ईमेल आया. ईमेल में लिखा था कि वे किसी क्रेडिट कार्ड कंपनी से हैं और साथ में एक अटैच्ड फाइल भी थी. सुमेधा क्रेडिट कार्ड तलाश ही रही थीं, तो बिना सोचे-समझे फाइल के लिंक पर क्लिक कर दिया. फाइल डाउनलोड हो गई. इसके बाद कुछ समझ नहीं आया तो विंडो क्लोज करके सिस्टम बंद कर दिया. सुमेधा को तब इस गलती का अहसास नहीं हुआ, लेकिन कुछ दिन बाद जब उनके साथ एक बड़ी साइबर ठगी हुई तो पता चला कि उन्होंने कहां लापरवाही बरती थी. दरअसल लिंक पर क्लिक करने के साथ सुमेधा के लैपटॉप पर मैलवेयर का अटैक हुआ था और मैलवेयर की मदद से साइबर ठगों ने सुमेधा के जरूरी पर्सनल डिटेल्स चोरी कर, उनके साथ साइबर ठगी की.
सुमेधा के साथ जो हुआ वो आजकल हर दूसरे व्यक्ति के साथ हो रहा है. लगभग हर किसी को ईमेल में या फिर मैसेज में ऐसे लिंक भेजे जा रहे हैं. लिंक पर क्लिक करते ही सिस्टम में मैलवेयर एंट्री कर लेता है और फिर आप साइबर ठगों के निशाने पर आ जाते हैं.
हालांकि सुमेधा को पता चल गया कि उन्होंने कहां गलती की, बहुत सारे लोगों को पता ही नहीं चलता कि कब उनके फोन या सिस्टम में मैलवेयर आ बसा है..
भारत में इस समय काफी मैलवेयर अटैक हो रहे हैं. साइबर सिक्योरिटी सॉफ्टवेयर कंपनी Trend Micro की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 2022 में 7 लाख मैलवेयर अटैक हुए जबकि 2021 में ये संख्या 6.5 लाख थी. वहीं इस साल आई SonicWall Cyber Threat Report में भी ऐसा ही कुछ कहा गया. रिपोर्ट के मुताबिक 2022 में मैलवेयर अटैक्स में 31 फीसद की वृद्धि हुई.
ये आंकड़े इस बात की तस्दीक करते हैं कि भारत में लगातार मैलवेयर अटैक बढ़ रहे हैं. साइबर ठग मैलवेयर के जरिए फोन या लैपटॉप में सेंध कर लोगों के सेंसेटिव इंफोर्मेशन चुरा रहे हैं.
अब समझते हैं कि फोन या लैपटॉप में मैलवेयर का अटैक हो तो आपको कैसे पता चलेगा और इससे आप कैसे बच सकते हैं.
1. अगर आपका फोन अपने आप ओवरहीट हो रहा है. ऐप्स खुलने में काफी समय ले रही है, अचानक से क्रैश हो रहा है. लैपटॉप अचानक से स्लो हो गया है, क्रैश हो रहा है या बार-बार एरर मैसेज दिखने लगे हैं. तो समझ जाएं कि डिवाइस में मैलवेयर आ धमका है.
2. फोन या लैपटॉप की बैट्री काफी जल्दी ड्रेन हो रही है. फोन में डेटा यूसेज अपने आप बढ़ गया है, फोन में रैंडम पॉप-अप आ रहे हैं. लैपटॉप शट डाउन या रिस्टार्ट ना हो पा रहा है. बेवपेज पर रैंडम पॉप अप, inappropriate ads यानी अभद्र विज्ञापन दिखने लगे.
3. अगर आपके क्रेडिट कार्ड या बैंकिंग स्टेटमेंट में कोई अनऑथोराइज्ड चार्ज दिख रहा है तो उसपर ध्यान दें. हो सकता है कि कोई मैलेशियस ऐप आपके नाम पर खरीदारी कर रहा हो.
4. लैपटॉप में ब्राउजर या डेस्कटॉप पर नए टूल बार्स या आइकन दिखने लगे.
अब समझते हैं कि इनसे कैसे बचा जाएं.
जैसा हमने पहले भी बताया, ऐसे अननोन सेंडर्स से आने वाले ईमेल अटैचमेंट ना खोलें. अनजान लिंक पर क्लिक ना करें. किसी अनजान सोर्स से ऐप्स डाउनलोड ना करें. अपने फोन में यूएसबी ड्राइव प्लग-इन ना करें.
तमाम सावधानी बरतने के बावजूद अगर आपके डिवाइस में वायरस आ जाता है तो आप उसे हटाने के लिए सिक्योरिटी सॉफ्टवेयर या वायरस स्कैनर ऐप इंस्टॉल कर सकते हैं. इससे आप मैलवेयर आइडेंटिफाई कर, अपना डिवाइस क्लीन कर लेंगे और आगे भी ये आपके सिस्टम की हिफाजत करेगा.
अपनी ब्राउजिंग हिस्ट्री डिलीट कर दें, कैशे खाली कर दें और जो भी ऐप आपने डाउनलोड नहीं किया, उसे डिलीट कर दें.
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