कोरोना की तीसरी लहर का खतरा अभी हमारे ऊपर मंडरा रहा है. हालांकि, वैक्सीन लगवाने वालों की संख्या बढ़ने के साथ टूरिज्म में हलचल देखने को मिलने लगी है. लोगों ने यात्रा को लेकर मन में बैठे डर को दूर करना शुरू किया है.
लंबे समय से घरों में बंद लोगों का आसपास घूमने जाना कोई आश्चर्य की बात नहीं है. पहाड़ी इलाकों की फोटो जल्द फिर हर जगह देखने को मिलने वाली हैं. हालांकि, सोशल डिस्टेंसिंग से जुड़े नियमों का भी खुलेआम उल्लंघन किया जा रहा है.
केंद्र ने राज्यों को दोनों डोज लगवा चुके लोगों के लिए RT-PCR टेस्ट कराने का नियम खत्म करने को कहा है. इससे समय और पैसे, दोनों की बचत होगी.
मौजूदा माहौल में एक जैसे नियम हर जगह लागू किए जाने की जरूरत है. इससे जनता के लिए चीजें आसान बनेंगी. इसे ऐसे समझ सकते हैं कि किसी के लिए कहीं पहुंचना कितना भी जरूरी क्यों न हो, मगर RT-PCR का नेगेटिव टेस्ट पास में नहीं होने की वजह से वे ऐसा नहीं कर पाते हैं. नियमों में बदलाव से ऐसे मामलों में मदद मिलेगी.
हालांकि, कोरोना का खतरा पूरी तरह नहीं टला है. इस बात को भी ध्यान में रखने की जरूरत है. कोरोना के बाद की जिंदगी कभी पुरने ढर्रे पर नहीं लौट सकती. इस बात के लिए हमें मानसिक रूप से खुद को तैयार करने की जरूरत है.
कुछ राज्य अभी भी बिना RT-PCR टेस्ट के एंट्री नहीं दे रहे हैं. इनके नियम दोनों डोज लगवा चुके लोगों पर भी लागू हो रहे हैं. यहां समझना होगा कि वैक्सीन के दो शॉट ले चुके लोगों पर यात्रा को लेकर किसी तरह की रोक नहीं लगनी चाहिए.
नॉर्मल जिंदगी की ओर लौटने के लिए बेहद जरूरी है कि जनता को किसी तरह की असुविधा न हो. यह सुनिश्चित करने से ही हम आगे बढ़ पाएंगे. देश की अर्थव्यवस्था इन पहलुओं से जुड़ी हुई है. कोरोना से मिले झटके से उबरने के लिए रुकावटों को रास्ते से हटाना होगा. उम्मीद है कि वैक्सीनेशन ड्राइव के आगे बढ़ने के साथ राज्य भी नियमों में ढील देना शुरू कर देंगे.