Covid Impact: कोरोना संक्रमण के फैलाव को देखते हुए उत्तराखंड सरकार ने चारधाम यात्रा को स्थगित कर दिया है, हालांकि चारों धामों के कपाट निर्धारित समय पर ही खुलेंगे. मंदिरों में पूर्जा-अर्चना होगी लेकिन किसी भी श्रद्धालु को दर्शन करने की अनुमति नहीं होगी. केवल रावल, पुजारी और पुरोहित ही पूजा-अर्चना करेंगे। हेमकुंड साहिब की धार्मिक यात्रा पहले भी स्थगित हो चुकी है. इस बारे में मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने गुरुवार को चारधाम यात्रा के स्वरूप को लेकर बैठक बुलाई थी. बैठक में पर्यटन, संस्कृति एवं धर्मस्व मंत्री सतपाल महाराज भी मौजूद रहे. कोविड महामारी के बीच आगामी चारधाम यात्रा को उत्तराखंड सरकार ने स्थगित करने का निर्णय किया.
सीएम तीरथ सिंह रावत ने कहा कि कोरोना की स्थिति को देखते हुए चारधाम यात्रा को वर्तमान समय में बंद करने का निर्णय लिया गया है. चारों धाम के कपाट अपने तय समय पर खुलेंगे. केवल पुजारी और पुरोहित ही धामों में पूजा करेंगे. देश और राज्य के किसी भी यात्री को वहां जाने की अनुमति नहीं होंगे.
चारों धामों के कपाट खोलने की तिथि घोषित हो चुकी है. विश्व प्रसिद्ध केदारनाथ धाम के कपाट 17 मई को भक्तों के लिए खोले जाएंगे. बदरीनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए 18 मई को खुलेंगे. यमुनोत्री धाम के कपाट 14 मई को खोले जाएंगे. उत्तरकाशी जिले में स्थित विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री धाम के कपाट 15 मई को खुलेंगे. केदारनाथ समेत चारधामों के कपाट हर साल अक्टूबर-नवंबर में सर्दियों में बंद कर दिए जाते हैं, जो अगले साल फिर अप्रैल-मई में भक्तों के लिए खोल दिए जाते हैं.
चारधाम यात्रा पर जाने के लिए लोग काफी उत्साहित रहते हैं. इसके लिए लोग पहले से ही तैयारी करके रखते हैं. हर साल बड़ी संख्या में लोग चारधाम यात्रा पर जाते हैं. अब कोरोना के लगातार आ रहे मामलों के चलते सरकार ने इस बार चारधाम यात्रा स्थगित की है.
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