ऑस्ट्रेलिया में तेजी से बढ़ते कोरोना के प्रकोप को देखते हुए तकरीबन आधी आबादी लॉकडाउन के दायरे में आ गई है. दक्षिण ऑस्ट्रेलिया के राज्य विक्टोरिया और न्यू साउथ वेल्स में डेल्टा के केस सामने आने के बाद लोगों से घर में रहने की अपील की गई है. दक्षिण ऑस्ट्रेलिया के इलाके में दो नए मामले सामने आने के बाद ऑस्ट्रेलिया अब तक सबसे सख्त लॉक डाउन लगाने जा रहा है. लोगों से अपील की जा रही है कि लोग अपने घरों के 2.5 किलोमीटर के दायरे में ही रहें और शाम 6 बजे के बाद घरों से बाहर न निकलें.
लॉकडाउन से आर्थिक नुकसान की संभावना
साउथ-ईस्ट ऑस्ट्रेलिया में सख्त लॉक डाउन की वजह से आर्थिक हालात और ज्यादा खराब हो रहे हैं.कोरोना की वजह से वहां सैलून से लेकर निर्माण स्थल तक सब कुछ बंद पड़ा है. वेस्टपैक बैंकिंग कॉर्प (Westpac Banking Corp) के मुख्य अर्थशास्त्री बिल इवांस ने बताया कि इस तिमाही में सिडनी और मेलबर्न में लॉकडाउन की वजह से अर्थव्यवस्था 0.7 फीसद तक प्रभावित हो सकती है.
ऑस्ट्रेलिया में वैक्सीनेशन की गति धीमी
ऑस्ट्रेलिया में वैक्सीन रोल आउट 38 ओईसीडी देशों में सबसे कम है. डेल्टा वेरिएंट के तेजी से बढ़ने का कारण वैक्सीनेशन की धीमी गति को बताया जा रहा है. लोग वैक्सीनेशन में तेजी लाने के लिए सरकार पर दबाव बना रहे हैं. ऑस्ट्रेलिया की कोविड जीरो रणनीति को बनाए रखने के लिए तत्काल प्रभाव से लॉकडाउन लगाया गया है. ब्लूमबर्ग वैक्सीन ट्रैकर के अनुसार, ऑस्ट्रेलिया ने अपनी 20 फीसदी आबादी को पर्याप्त खुराक दी है, जबकि अमेरिका में यह संख्या 53 फीसद है.
वैक्सीनेशन पर सरकार की चिंता
ऑस्ट्रेलिया के स्वास्थ्य मंत्री ब्रैड हेजार्ड ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि जितना संभव हो सका हमने उतना किया है,लेकिन मुद्दा यह है कि हमें और वैक्सीन की जरूरत है. प्रधान मंत्री स्कॉट मॉरिसन ने कहा कि कोरोना के इस नए वेरिएंट डेल्टा ने सभी देशों को परेशान कर दिया है. आज पूरी दुनिया डेल्टा से जंग लड़ रही है. फिर भी, ऑस्ट्रेलिया ने COVID-19 संख्या को दूसरे देशों व कई अन्य विकसित अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया है.
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