Covid-19: हाल ही में आईसीएमआर ने सीरो सर्वे कराया, जिसमें कोरोना के डेल्टा प्लस वेरिएंट पर कोवैक्सीन की प्रभाविता की जांच की गई. वहीं अब आईसीएमआर के अध्ययन के मुताबिक भारत बायोटेक की कोवैक्सीन कोरोना के डेल्टा के सभी प्रकार पर असरदार है. कोवैक्सीन के साथ कोविशील्ड और स्पूतनिक वी को भारत में आपात इस्तेमाल की मंजूरी दी गई है. सोमवार को जारी आईसीएमआर के इस अध्ययन में तीन समूहों के खून के सैंपल पर जांच की गई. इसमें पहले समूह में वो लोग शामिल किए गए, जिन्हें कोवैक्सीन के दोनों डोज लगाए गए ( इसमें 24 महिलाएं और 18 पुरुष), दूसरे समूह में कोरोना के मरीज रह चुके लोगों को शामिल किया गया, जिन्हें कोवैक्सीन के दोनों डोज लगाए गए थे (8 महिलाएं और 6 पुरुष), और तीसरे समूह में उन लोगों को शामिल किया गया, जिन्हें दोनों डोज लगाने के बाद कोरोना हो गया था (17 महिलाएं और 13 पुरुष).
किसमें कितने बने एंटीबॉडी
इस अध्ययन में यह नतीजा सामने आया कि तीसरे समूह के लोगों में पहले और दूसरे समूह के मुकाबले ज्यादा एंटीबॉडीज बने जबकि पहले और दूसरे समूह में भी आवश्यकता से अधिक ही एंटीबॉडीज बने.
कुल मिलाकर तीनों समूहों में कोवैक्सीन कोरोना के डेल्टा वेरिएंट पर पूरी तरह कारगर साबित हुआ है.
सीरो सर्वे के नतीजे
बता दें कि आईसीएमआर ने देश में चौथी बार सीरो सर्वे करवाया, जिसके नतीजे में 67 प्रतिशत लोगों में एंटीबॉडी पाई गई. आईसीएमआर ने देश के 22 राज्यों के 70 जिलों में सीरो सर्वे करवाया था.
इस सीरो सर्वे के अनुसार मध्यप्रदेश में 79 प्रतिशत लोगों कोरोना संक्रमित हो चुके हैं. वहीं, राजस्थान 76 प्रतिशत लोग कोरोना संक्रमित हो चुके हैं. केरल में यह आंकड़ा अब भी 44.4 प्रतिशत है. महाराष्ट्र में 58 प्रतिशत लोगों में एंटीबॉडी पाए गए.
क्योंकि यह सीरो सर्वे राज्य के सभी जिलों में नहीं करवाया गया है, इसलिए केन्द्र सरकार चाहती है कि राज्य में सीरो सर्वे रिपोर्ट के अनुसार कोरोना प्रबंधन के लिए बेहतर उपाय सुनिश्चित करें.