जल्द ही देश में बच्चों का कोविड-19 वैक्सीनेशन भी शुरू होने जा रहा है. सरकार ने सबसे 20 से 25 तरह की बीमारियों से ग्रस्त बच्चों को सबसे पहले वैक्सीन देने का फैसला लिया है. फिलहाल इन बीमारियों की सूची को लेकर गाइडलाइन बनाने पर काम चल रहा है. जानकारी मिली है कि अगले महीने के आखिर या फिर अक्टूबर में 12 से 18 साल के बच्चों का वैक्सीनेशन शुरू हो सकता है.
वैक्सीनेशन को लेकर गठित राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह के अध्यक्ष डॉ. एनके अरोड़ा ने बताया कि सरकार की सबसे पहले प्राथमिकता 8 साल से अधिक आयु वालों का वैक्सीनेशन पूरा करने की है. इसके बाद वैक्सीन सप्लाई नॉर्मल होने पर सरकार उन बच्चों में सबसे पहले वैक्सीनेशन शुरू करेगी जिनमें हार्ट, किडनी, न्यूरो, डायबिटीज, हाइपरटेंशन, निमोनिया, कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां होगीं. चूंकि इन बच्चों को संक्रमण का खतरा सबसे ज्यादा रहता है, इसलिए पहले वैक्सीन इन्हें मिलेगा.
डॉ. अरोड़ा ने यह भी बताया कि हर बच्चे को वैक्सीन देने की जरूरत नहीं है. अभी इंफेक्शन काफी राज्यों में कंट्रोल स्थिति में है. ऐसे में हर बच्चे को वैक्सीन की आवश्यकता नहीं है. उन्होंने बताया कि अगले एक महीने बाद स्थिति काफी बदल सकती है. वैक्सीन पर्याप्त मात्रा में मिलने लगेगी तो बड़ों के साथ 12 से 18 साल की आयु का वैक्सीनेशन भी शुरू कर देंगे.
12 से 18 साल की कुल आबादी देश में करीब 12 करोड़ है जबकि 18 साल से अधिक आयु वालों की आबादी 94 करोड़ है. हाल ही में जायडस कैडिला की डीएनए आधारित वैक्सीन आई है जिसे 12 से 18 साल की आयु में इस्तेमाल किया जा सकता है.उन्होंने यहां तक कहा कि बैंगलोर स्थित एक कंपनी के साथ कोवाक्सिन का प्रोडक्शन शुरू हो चुका है. इसलिए अगले कुछ समय बाद देश में वैक्सीन की मात्रा बढ़ जाएगी और इस बीच बच्चों में चल रहा ट्रायल भी पूरा हो जाएगा. इसके बाद वैक्सीनेशन प्रोग्राम और अधिक तेजी से आगे बढ़ेगा.
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