Chip Shortage: अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आपूर्ति चेन टूटने के साथ ही मोबाइल चिप्स और अलग-अलग डिजिटल रॉ मटेरियल की कमी इस फेस्टिव सीजन में खरीदारों की जेब पर भारी पड़ सकती है. एक तरफ ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म ग्राहकों को कैशबैक, EMI और ट्रेड-इन कैंपेन के जरिए लुभाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं, वहीं विश्लेषकों और ट्रेड अधिकारियों की राय कुछ और ही है. उनका का कहना है कि वर्तमान में खरीदे जा रहे कई मास-मार्केट टेलीफोन मॉडल की कीमतें 8-10% तक अधिक हो सकती हैं. Globalonlinemony के मुताबिक त्योहारी सीजन स्मार्टफोन निर्माताओं के लिए फ्लैगशिप लॉन्च करने का सबसे पसंदीदा समय होता है, हालांकि इस साल ऐसा नहीं हो सका है.
IDC की सहयोगी शोध प्रबंधक उपासना जोशी का कहना है कि मौजूदा तिमाहियों में स्मार्टफोन की औसत बिक्री कीमत (ASP) 155-163 डॉलर से बढ़कर करीब 180 डॉलर हो गई है यानि भारतीय मुद्रा में 13 हजार रुपये से ज्यादा.
इसका एक कारण ओईएम की बढ़ती कीमत और 5G मॉडल का ज्यादा चलन में होना है. बकौल उपासना, फिर भी, ई-कॉमर्स से संबंधित वस्तुओं की बिक्री इस साल काफी ज्यादा बढ़ी है.
श्राद्ध सीजन में भी ये बिक्री मजबूत रही. इन वस्तुओं पर मिलने वाली छूट और कुछ नई योजनाएं इसका बड़ा कारण हो सकती हैं.
टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार चलन बढ़ने के साथ कुछ मॉडल्स की कीमत 5-10% तक बढ़ जाती है. काउंटरपॉइंट एनालिसिस एनालिस्ट प्राचीर सिंह कहते हैं कि नए चिपसेट के साथ उत्पादक कंपनियां फोन को ज्यादा बेहतर तरीके से बेचने के तरीके खोज रहे हैं.
काउंटरपॉइंट ने एक मूल्यांकन में पाया कि कुछ स्मार्टफोन ओईएम और डिस्ट्रिब्यूटर्स को कुछ खास पार्ट्स के लिए तकरीबन 70 प्रतिशत तक रिक्वेस्ट मिल रही हैं.
Q3 2021 के जरिए ट्रांसफर लेने की वजह से स्थितियां और बदतर होती जा रही हैं. एजेंसी ने पहले अनुमानित 9% की तुलना में 2021 के लिए अपने कार्गो पूर्वानुमान को कम करके 6% की प्रगति की है.
प्राइज कंपेयर करने वाली एक वेबसाइट के अनुसार Xiaomi, Oppo, Vivo और Realme जैसी मोबाइल कंपनियां बड़े पैमाने पर अपने फोन्स की कीमत में 500-1,000 रुपये (लगभग 10%) तक की वृद्धि कर सकते हैं.
TOI को Xiaomi के अधिकारियों ने बताया कि इस साल इंटरनेशनल प्रोवाइड चेन को बीट करने के लिए वे स्थानीय स्तर पर उत्पादन क्षमता को बढ़ाने के लिए कई कदम उठा रहे हैं.
उन्होंने कहा कि सभी नए एडजस्टमेंट्स के बाद भी वे हार्डवेयर पर केवल 5 परसेंट का मार्जिन बनाए रखने के वादे पर कायम रहने की पूरी कोशिश में हैं. साथ ही ये भी प्रयास है कि कीमतें ऐसी हों कि ग्राहक भी उसे देने की स्थिति हो.
विश्लेषकों का कहना है कि 2022 की दूसरी छमाही तक भी जरूरी डिजिटल वस्तु, मोबाइल पार्ट्स की कमी बने रहने की संभावना है.
ये स्मार्टफोन इंडस्ट्री के लिए बड़ा खतरा है. जिसकी वजह से लागत में वृद्धि हो सकती है. इस वृद्धि का सीधा असर मोबाइल फोन की कीमतों पर भी पड़ेगा.
सेमीकंडक्टर की शॉर्ट सप्लाई और फोन के अलग अलग कंपोनेन्ट्स की कीमतें बढ़ी हैं. इसकी एक वजह कोविड के दौरान कंटेनर शॉर्टेज, शिपिंग कोस्ट में वृद्धि, फैक्ट्रियों का बंद होना शामिल है.
एप्पल के सीईओ टिम कुक ने पहले ही इस बात के लिए चेता दिया था कि सप्लाई चेन के टूटने का असर आईफोन और आईपैड दोनों पर पड़ेगा.
कुक ने कहा कि हाई पावर प्रोसेसर की शॉर्टेज नहीं है, पर, ड्राइविंग डिस्प्ले और ऑडियो जैसे फंक्शन परफॉर्म करने वाली कंप्यूटर चिप्स में हैं.
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