Central Govt Employees: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए गुड न्यूज है. लंबा इंतजार खत्म होने वाला है. महंगाई भत्ते में इजाफा होने जा रहा है. 1 जुलाई से महंगाई भत्ते की रुकी हुई किस्त मिलेंगी. इसमें जनवरी 2020, जून 2020, जनवरी 2021 की किस्त शामिल हैं. इसके अलावा जून 2021 की किस्त का भी ऐलान जुलाई में हो जाएगा. 1 जुलाई को जब केंद्रीय कर्मचारियों की जेब में सैलरी आएगी तो पैसा बरसेगा. सैलरी में बंपर इजाफा होगा. लेकिन, खास बात यह है कि सैलरी के अलावा उनका प्रोविडेंट फंड (EPF) और ग्रेच्युटी में भी इजाफा होगा.
दरअसल, केंद्रीय कर्मचारियों (Central Govt Employees) के महंगाई भत्ते में होने वाला इजाफा होगा तो दूसरे कंपोनेंट्स में भी बढ़ोतरी देखने को मिलेगी. इसमें प्रोविडेंट फंड और ग्रेच्युटी शामिल है. इन दोनों में भी खासा इजाफा देखने को मिलेगा. आइये समझते हैं कैसे…
PF की रकम बढ़ेगी केंद्रीय कर्मचारियों (Central Govt Employees) की सैलरी से कटने वाले प्रोविडेंट फंड और ग्रेच्युटी की गणना बेसिक+महंगाई भत्ते (Basic+DA) से होती है. जुलाई में कर्मचारियों के DA में 11 फीसदी का उछाल आएगा. इसका सीधा तौर पर असर PF और Gratuity पर भी दिखेगा. DA 17 फीसदी से बढ़कर 28 फीसदी हो जाएगा. ऐसे में PF और ग्रेच्युटी का अंशदान (Contribution) भी बढ़ जाएगा. महंगाई भत्ता बढ़ने का असर ट्रैवल अलाउंस पर भी पड़ेगा.
पेंशनर्स को भी मिलेगा फायदा केंद्रीय पेंशनरों के DR में भी बढ़ोतरी का फायदा मिलेगा. उनका DR 17 प्रतिशत से बढ़कर 28 प्रतिशत हो जाएगा. उनकी मंथली पेंशन बढ़कर आएगी. इसका सीधा फायदा करीब 65 लाख पेंशनर्स को मिलेगा.
पिछले साल कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus pandemic) के चलते कर्मचारियों के DA को 30 जून 2021 तक फ्रीज कर दिया गया था. सरकार के डीए बहाल करने से कर्मचारी खुश हैं, लेकिन उनकी डिमाड है कि पिछले डेढ़ साल यानि 18 महीने का एरियर भी मिलना चाहिए. क्योंकि सुप्रीम कोर्ट की रूलिंग है कि सैलरी और अलाउंस कर्मचारी का हक है, इसलिए इसे रोकना गलत है. ऐसे में सरकार को एरियर का भुगतान भी करना चाहिए.
क्या होता है महंगाई भत्ता और महंगाई राहत? महंगाई भत्ता (Dearness allowance) या महंगाई राहत (Dearness relief) ऐसा पैसा है, जो देश के सरकारी कर्मचारियों के रहने-खाने के स्तर को बेहतर बनाने के लिए दिया जाता है. महंगाई राहत अलाउंस पेंशनर्स को मिलता है. पूरी दुनिया में सिर्फ भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश ही सरकारी कर्मचारियों को ये भत्ता दिया जाता है. ये पैसा इसलिए दिया जाता है, ताकि महंगाई बढ़ने के बाद भी कर्मचारी के रहन-सहन के स्तर में पैसे की वजह से दिक्कत न हो. ये पैसा सरकारी कर्मचारियों, पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों और पेंशनधारकों को दिया जाता है.
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