घरेलू आर्थिक गतिविधियों में तेजी को बताते हुए कहा गया है कि भारत का व्यापारिक आयात सितंबर में 56.4 बिलियन अमरीकी डॉलर के ऐतिहासिक मासिक उच्च स्तर को छू गया है, जबकि महीने के दौरान आयात में लगभग 50 प्रतिशत की वृद्धि हुई. खासकर सोना, वनस्पति तेल और इलेक्ट्रॉनिक सामान में सबसे ज्यादा वृद्धि हुई है.
भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) के अध्यक्ष उदय कोटक (Uday Kotak) ने कहा है कि पूंजी बाजार भारत की वृद्धि का इंजन है और विभिन्न क्षेत्रों के नीति-निर्माताओं को इस बात का ध्यान रखना चाहिए. कोटक ने कहा कि महामारी के दौरान पूंजी बाजारों ने अर्थव्यवस्था को समर्थन दिया. साथ की कंपनियों को धन जुटाने में मदद की.
सीआईआई (CII) के कॉरपोरेट गवर्नेंस पर सम्मेलन को संबोधित करते हुए कोटक ने मंगलवार को कहा, ‘‘संभवत: कंपनियों ने सबसे अधिक कोष जुटाया है. हमने एक सक्रिय और कामकाज वाले पूंजी बाजार को देखा. नियामक सेबी और कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने बाजार की दृष्टि से सही कदम उठाने का काम किया. इससे निर्गम लाने वालों और निवेशकों के हितों के बीच संतुलन बैठाने में मदद मिली.’’
कोटक महिंद्रा बैंक के प्रबंध निदेशक (Uday Kotak) ने कहा कि जिनको पूंजी तक पहुंच सुनिश्चित हुई, जिसमें दबाव वाले क्षेत्र भी शामिल हैं, वे इस मुश्किल समय में टिके रह सके और अपना बचाव कर सके.
कोटक ने कहा कि पूंजी तक पहुंच के लिए कामकाज के संचालन पर ध्यान देने की जरूरत है. इससे कोष जुटाने में मदद मिलती है. उन्होंने कहा कि किसी उपक्रम की सफलता या विफलता कामकाज के संचालन से तय होती है.
इसी कार्यक्रम को संबोधित करते हुए एचडीएफसी लि. (HDFC) के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (CEO) केकी मिस्त्री ने कहा कि वैश्विक निवेशक कोई निवेश करने से पहले यह देखते हैं कि कहां कामकाज का संचालन मजबूत है.
मिस्त्री ने कहा कि स्वतंत्र निदेशकों की बढ़ती जिम्मेदारी को देखते हुए उनके लिए पर्याप्त ‘मेहनताने’ की व्यवस्था सुनिश्चित होनी चाहिए.