केंद्र सरकार ने सोलर PV मॉड्यूल की घरेलू मैन्युफैक्चरिंग कैपेसिटी को बढ़ाने के लिए बुधवार को 4,500 करोड़ रुपये की प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) स्कीम को मंजूरी दी है. इसके अलावा सरकार ने AC और LED लाइट्स के प्रोडक्शन के लिए भी PLI स्कीम को मंजूरी दी है.
PLI स्कीम का मकसद 10,000 MW मैन्युफैक्चरिंग कैपेसिटी को बढ़ाना है और इससे 17,200 करोड़ रुपये के प्रत्यक्ष निवेश का रास्ता खुलेगा. PLI स्कीम से इस सेक्टर में करीब 30,000 लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा, जबकि इससे 1.2 लाख लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली कैबिनेट की मीटिंग में मिनिस्ट्री ऑफ न्यू एंड रिन्यूएबल एनर्जी के PLI स्कीम को लागू करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है. इसके तहत गिगा वॉट स्केल पर हाई एफीशिएंसी के PV मॉड्यूल बनाने का लक्ष्य है. इस स्कीम के लिए 4,500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. सोलर एनर्जी कैपेसिटी मौजूदा वक्त में बड़े तौर पर आयातित सोलर PV सेल्स और मॉड्यूल्स पर निर्भर करती है. इस सेगमेंट में घरेलू मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री की सीमित क्षमता है.
सोलर PV मॉड्यूल के अलावा सरकार ने AC और LED लाइट्स के प्रोडक्शन के लिए भी PLI स्कीम को मंजूरी दी है. केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और प्रकाश जावड़ेकर ने सरकार के इस फैसले के बारे में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए बताया है.
पीयूष गोयल ने कहा कि AC और LED लाइट्स के प्रोडक्शन के लिए करीब 6,238 करोड़ रुपये की PLI स्कीम को मंजूरी दी गई है और ये रकम अगले 5 सालों में खर्च की जाएगी.
PLI स्कीम से इस MSME सेक्टर को भी फायदा होगा. गोयल ने बताया कि इस स्कीम के तहत 5-6 फीसदी इंसेंटिव मिलेगा. उन्होंने कहा कि अधिकतर इक्विपमेंट्स MSME बनाते हैं तो इस फैसले से उन्हें बड़ा फायदा होगा. इससे बड़ी मात्रा में रोजगार भी पैदा होंगे. गोयल ने ये भी कहा कि PLI में AC और LED उपकरणों को शामिल करने से इनके निर्माण में भारत को आत्मनिर्भर बनने में भी मदद मिलेगी.