बासमती चावल निर्यातकों ने बासमती चावल के निर्यात की बाधा को दूर करने के लिए सरकार के ताजा फैसले का तोड़ निकाल लिया है. दरअसल, निर्यातक अब नए ऑर्डर के लिए 1,200 डॉलर प्रति टन से ज्यादा के भाव पर वैश्विक खरीदारों के साथ बातचीत कर रहे हैं. निर्यातकों की कोशिश है कि पहले ज्यादा भाव पर सौदा तय कर लिया जाए और बाद में अपने हिसाब से कीमतों को तय कर लिया जाए. बता दें कि भारत ने रविवार को 1,200 डॉलर प्रति टन से कम कीमत पर किसी भी बासमती चावल के खेप के निर्यात पर अस्थायी रोक लगाने का ऐलान किया था. हालांकि 1,200 डॉलर प्रति टन के ऊपर निर्यात की अनुमति जारी रहेगी.
15 अक्टूबर तक लागू है आदेश
सरकार के द्वारा उठाए गए इस कदम का मकसद प्रीमियम बासमती चावल की आड़ में गैर-बासमती सफेद चावल के संभावित अवैध शिपमेंट को रोकना था. सरकार का यह आदेश 15 अक्टूबर 2023 तक प्रभावी रहेगा. बासमती चावल निर्यातकों को अपना निर्यात बाजार पाकिस्तान के पास जाने का डर है और यही वजह है कि वे ओवरबिलिंग का रास्ता अपना रहे हैं. एक चावल निर्यातक कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के मुताबिक निर्यातक फिलहाल कुछ समय के लिए ओवरबिलिंग कर सकते हैं. उनका कहना है कि निर्यातक इस सौदे को भविष्य के ऑर्डर में खरीदारों के साथ समायोजित करेंगे.
वित्त वर्ष 2023 में कितना हुआ था बासमती एक्सपोर्ट
वित्त वर्ष 2023 में भारत ने 38,524.11 करोड़ रुपए मूल्य के 4.5 मिलियन टन बासमती चावल का निर्यात किया था. आल इंडिया राइस एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के पूर्व प्रेसिडेंट विजय सेतिया के मुताबिक ओवरबिलिंग सिर्फ ऐसे मामलों में संभव हो सकेगी, जहां पर निर्यातकों के खरीदारों के साथ लंबे समय से संबंध है. इसके अलावा निर्यातकों के विदेश में कार्यालय हैं. कारोबारी सूत्रों के मुताबिक विदेशी खरीदार भारतीय निर्यातकों के साथ चावल निर्यात के लिए संभावित फॉर्मूले को लागू करने के लिए एक दूसरे के संपर्क में हैं क्योंकि विदेशी खरीदारों को अपनी घरेलू मांग को पूरा करना है.